पड़ोसी देश नेपाल की जनगणना के नए आंकड़े सामने आए हैं। वर्ष 2021 के लिए पूरी की गई जनगणना के नए आंकड़े नेपाल के जनसांख्यिकी विभाग द्वारा शनिवार ( 03 जून, 2023) को जारी किए गए। आंकड़ों के अनुसार, नेपाल की कुल जनसंख्या 2.91 करोड़ है। वर्ष 2011 में यह 2.64 करोड़ थी, नेपाल की जनसंख्या वृद्धि दर 0.93% प्रति वर्ष हो गई है। वर्ष 2011 से वर्ष 2021 के बीच नेपाल की जनसंख्या 10.18% बढ़ी है।
नेपाल में धार्मिक आधार पर हिन्दू और बौद्ध सबसे बड़े समूह हैं लेकिन पिछले 10 वर्षों में जनसंख्या में इनका प्रतिशत घटा है। नए आंकड़ों के अनुसार, नेपाल की कुल आबादी में 81.19% (2.36 करोड़) हिन्दू हैं, जबकि बौद्धों का जनसंख्या में हिस्सा 8.21% (23.39 लाख) है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, हिन्दू और बौद्ध क्रमश: 81.3% और 9% थे।
हिन्दुओं और बौद्धों की जनसंख्या के उलट पिछले दस वर्षों में नेपाल की जनसंख्या में ईसाइयों और मुस्लिमों की जनसंख्या में बढ़त देखी गई है। नेपाल की कुल जनसंख्या में इस्लाम को मानने वालों की संख्या अब 5.09% (14.83 लाख) है जबकि ईसाइयों की जनसंख्या 1.76% (5.12 लाख) है। इस्लाम को मानने वालों की जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, 4.4% थी जबकि ईसाइयत को मानने वालों की जनसंख्या 1.4% थी।
नेपाल की सर्वाधिक मुस्लिम आबादी प्रांत संख्या 2 (मधेश प्रदेश) में रहती है, मधेश प्रदेश में 8.11 लाख मुस्लिम आबादी है, यह मधेश प्रांत की कुल जनसंख्या का 13.2% है। मधेश प्रांत की सीमा भारत के बिहार राज्य से लगती है।
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दूसरे नम्बर पर लुम्बिनी प्रांत है जहाँ पर 3.85 लाख मुस्लिम आबादी रहती है, लुम्बिनी प्रांत की कुल आबादी में मुस्लिमों का हिस्सा 7.5% है। लुम्बिनी भी भारत के साथ सीमा साझा करता है। इसकी पूरी सीमा उत्तर प्रदेश की तराई बेल्ट से लगती है।
मुस्लिमों की आबादी में कोशी प्रदेश तीसरे नम्बर पर है। कोशी में 2.08 लाख मुस्लिम रहते हैं जोकि कुल आबादी का 4.09% है। कोशी की सीमा बिहार और पश्चिम बंगाल से लगती है। नेपाल की कुल मुस्लिम जनसंख्या का कुल 94.6% भारत से सीमा लगने वाले इलाकों में रहते हैं।
मुस्लिमों के अतिरिक्त नेपाल में ईसाईयों की जनसंख्या पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है। बीबीसी की एक रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 1951 में नेपाल में ईसाईयों की जनसंख्या शून्य थी जोकि वर्ष 1961 के दौरान बढ़कर 458 हो गई। यह वर्ष 2011 में लगभग 800 गुना बढ़कर 3.76 लाख हो गई। मात्र 10 वर्षों में ही इसमें 36% की बढ़ोतरी हो चुकी है।
नेपाल में ईसाइयत के बढ़ने के पीछे लगातार बढती मिशनरी गतिविधियाँ हैं। नेपाल में वर्तमान में 7,758 से भी अधिक चर्च हैं। देश में धर्मांतरण कराने के लिए लिए सबसे अधिक प्रचारक दक्षिण कोरिया से आते हैं। बीबीसी की रिपोर्ट बताती है कि कोरिया लगातार बड़ी संख्या में नेपाल में प्रचारक भेजता है और चर्चों के निर्माण के लिए धन उपलब्ध कराता है।
नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री कमल थापा का कहना है कि नेपाल में ईसाइयत जंगल की आग की तरह फ़ैल रही है, नेपाल की अपनी पहचान खतरे में है। नेपाल में वर्ष 2008 तक राजशाही थी और तब तक ही देश आधिकारिक रूप से हिन्दू राष्ट्र था। नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टियों का दबदबा पिछले दो दशकों में बढ़ा है और वर्ष 2015 के संविधान के अनुसार, नेपाल अब एक सेकुलर राष्ट्र है।
नेपाल में हिन्दू, बौद्ध, ईसाईयो और मुस्लिमों के अतिरिक्त किरातों की 3.17% आबादी है। किरातों के विषय में कहा जाता है कि यह सिन्धु सभ्यता के समय से रहते आए हैं। इसके अतिरिक्त, प्रकृति को मानने वालों की संख्या 0.35%, बॉन 0.23% और छोटी संख्या में जैन, बहाई और सिख धर्म को मानने वाले हैं।
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