भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम पर बना नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी (Nehru Memorial Museum and Library) का नाम अब बदल दिया गया है। अब इसे प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (Prime Ministers’ Museum and Library) के नाम से जाना जाएगा।
नई दिल्ली स्थित इस नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर कॉन्ग्रेस ने केन्द्र सरकार और पीएम नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि “जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं। Nehru Memorial Museum & Library का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता। इससे केवल BJP-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है। मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती।”
वहीं कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने पर केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, ‘मैं चाहता हूं कि जो लोग स्वतंत्रता संग्राम और आधुनिक भारत के निर्माण में जवाहर लाल नेहरू के योगदान को मिटाना चाहते हैं, वे एक बार नेहरू की गहराई को समझने के लिए डिस्कवरी ऑफ इंडिया और विश्व इतिहास की झलक पढ़ें. इमारतों का नाम बदलने से विरासत नहीं मिटती।”
बता दें कि 15 जून, 2023 को NMML सोसाइटी की एक मीटिंग में यह फैसला लिया गया था। इसकी अध्यक्षता NMML सोसायटी के उपाध्यक्ष रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की। मीटिंग के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा था कि “अब यहाँ सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके साथ ही यहाँ उनके कार्यकाल में आई चुनौतियों भी दिखाई गई हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी प्रधानमंत्रियों को बराबर दिखाया जाना चाहिए। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि “इंद्रधनुष को सुंदर बनाने के लिए उसके सभी रंगों को बराबर दिखाया जाना जरूरी है।”
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