कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हाल ही में संसद में बताया कि भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना के तहत अब तक आठ राज्यों में 4.09 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को प्राकृतिक खेती के दायरे में लाया जा चुका है।
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। अधिकांश भारतीयों के लिए कृषि प्राथमिक व्यवसाय है। हालाँकि, पारंपरिक रासायनिक-सघन कृषि पद्धतियों ने पर्यावरण को ख़राब और दूषित कर दिया है और समय के साथ लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डाला है। इस समस्या को स्वीकार करते हुए और मौजूदा परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने हाल के वर्षों में कई राज्यों में परंपरागत प्राकृतिक खेती के स्वदेशी तरीकों में बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है।
आजादी के बाद के दशकों में हरित क्रांति (Green Revolution) ने उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग करके गहन खेती को प्रोत्साहित किया जिससे फसल की पैदावार में रिकॉर्ड वृद्धि हुई लेकिन कीटनाशकों और उर्वरकों के अत्यधिक इस्तेमाल से उसके दुष्परिणाम भी सामने आये हैं। हानिकारक रसायनों के ज्यादा इस्तेमाल से समय के साथ मिट्टी की गुणवत्ता और स्वास्थ को खराब कर दिया है। पारंपरिक कृषि पद्धतियों को वापस अपनाना अनिवार्य हो गया है जो प्राकृतिक संतुलन का सम्मान करती थीं और पर्यावरण के अनुकूल है।
2019 में, कृषि मंत्रालय ने देश भर में रासायन मुक्त खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना शुरू की। यह पहल उर्वरकों और सिंथेटिक कीटनाशकों के बजाय बायोमास रीसाइक्लिंग, गाय के गोबर और मूत्र से तैयार किए गए फॉर्मूलेशन के इस्तेमाल को बढ़ावा देती है तथा स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों पर निर्भर प्राचीन कृषि तकनीकों को पुनर्जीवित करती है।
हाल ही में संसद में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत अब तक 8 राज्यों में फैले 4.09 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि क्षेत्र को प्राकृतिक तरीके से खेती के तहत लाया गया है जिसमें आंध्र प्रदेश 1 लाख हेक्टेयर के साथ सबसे आगे है। उसके बाद मध्य प्रदेश 99000 हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ 85000 हेक्टेयर, केरल 84000 हेक्टेयर, ओडिशा 24000 हेक्टेयर, हिमाचल प्रदेश 12000 हेक्टेयर, झारखंड 3400 हेक्टेयर और तमिलनाडु 2000 हेक्टेयर है।
प्राकृतिक खेती बायोमास मल्चिंग जैसी प्रथाओं के माध्यम से जैव विविधता और मिट्टी के स्वास्थ्य को संरक्षित करने में मदद करती है। इससे किसानों की इनपुट लागत भी कम हो जाती है। कई किसान उच्च आय, पैदावार और रासायनिक अवशेषों से मुक्त सुरक्षित जैविक उपज की रिपोर्ट करते हैं। विशेष रूप से केरल राज्य ने 84,000 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती और जैविक उत्पादों पर केंद्रित सालाना करोड़ों रुपये के निर्यात क्षेत्र के साथ अनुकरणीय परिणाम दिखाए हैं।
2021 के FiBL सर्वेक्षण के अनुसार जैविक कृषि करने वाले 187 देशों में भारत का अद्वितीय स्थान है। 2.3 मिलियन हेक्टेयर से अधिक प्रमाणित जैविक कृषि भूमि और 27 लाख से अधिक पंजीकृत जैविक किसानों के साथ भारत के पास इस समय दुनिया की कुल जैविक कृषि भूमि का 30% हिस्सा है।
जैविक खेती के तहत कुल क्षेत्रफल के मामले में यह विश्व स्तर पर पांचवें स्थान पर है। सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए मिशन जैविक मूल्य श्रृंखला विकास (एमओवीसीडीएनईआर) जैसी योजनाएं शुरू की हैं। पीकेवीवाई तीन वर्षों के लिए 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता प्रदान करता है और अब तक 11.85 लाख हेक्टेयर को जैविक खेती के तहत लाया गया है। MOVCDNER पूर्वोत्तर को लक्षित करता है और तीन वर्षों के लिए प्रति हेक्टेयर 46,575 रुपये देता है।
दोनों योजनाओं का उद्देश्य किसानों को जैविक इनपुट, बीज और प्रमाणीकरण (Certification) के लिए सहायता प्रदान करने के लिए किसान उत्पादक संगठन बनाना है। 2679.96 करोड़ रुपये के कुल बजट के साथ इन योजनाओं ने 2015 से 1.89 लाख किसानों को शामिल करते हुए 1.73 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को कवर किया है। भविष्य को देखते हुए सरकार प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन शुरू कर रही है और भारत के जैविक उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है, खासकर सिक्किम जैसे राज्यों, जिसका लक्ष्य 2030 तक 1 बिलियन डॉलर मूल्य के जैविक उत्पादों का निर्यात करना है।
केंद्र सरकार द्वारा सक्रिय प्रचार और विभिन्न राज्य प्रशासनों द्वारा पूरक पहल ने देश भर में एक शांत कृषि क्रांति को उत्प्रेरित किया है। इसके निरंतर समर्थन से, पर्यावरण और पीढ़ी दर पीढ़ी लाखों कृषक परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए प्राकृतिक प्रथाओं को बड़े पैमाने पर अपनाया जा सकता है। स्वदेशी प्राकृतिक तरीकों की ओर इस व्यापक बदलाव के माध्यम से खेती का एक टिकाऊ और रसायन-मुक्त भविष्य पहुंच में आता दिख रहा है।