केंद्र सरकार ने गंगा को अविरल बनाने और इसके उत्थान के लिए बड़ी मात्रा में निवेश किया है। राज्यों में उत्तर प्रदेश ने अभी तक गंगा की सफाई के लिए सबसे ज्यादा इन्फ्रा निर्माण किया है। केंद्र सरकार की गंगा को स्वच्छ करने की परियोजना में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, बंगाल और दिल्ली राज्य शामिल हैं।
30 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा की सफाई के लिए बनाई गई संस्था NMCG (नेशनल मिशन फॉर क्लीनिंग गंगा) की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। यह बैठक कोलकाता में हो रही थी, इसमें बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए।
प्रधानमन्त्री मोदी इसमें बंगाल जाकर स्वयं शामिल होने वाले थे, बाद में उनकी माता हीराबेन के निधन के कारण उन्होंने इसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समबोधित करने का फैसला किया। उन्होंने हावड़ा से न्यूजलपाई गुडी के बीच नई वन्दे भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई।
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गंगा की सफाई के लिए सभी प्रदेशों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, उसकी क्षमता बढ़ाने एवं सीवर लाइनों को डालने जैसे काम चल रहे हैं। NMCG की वेबसाइट के अनुसार, सीवेज लाइनें बिछाने के मामले में 5213 किलोमीटर का लक्ष्य तय किया गया है, इसमें से 4200 किलोमीटर से ज्यादा की लाइनें बिछाई जा चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश इस मामले में सबसे आगे है जहाँ पर अभी तक लगभग 1800 किलोमीटर की लाइनें बिछाई जा चुकी हैं। बिहार ने भी इस क्षेत्र में काफी काम किया है। इसके अतिरिक्त, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के मामले में भी खासी प्रगति हुई है।
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NMCG की वेबसाइट के अनुसार, अभी तक 968 MLD की क्षमता के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कर किए जा चुके हैं। इनमें से उत्तर प्रदेश में 700 MLD की क्षमता से ज्यादा के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा चुके हैं।
गंगा सफाई के मिशन के अंतर्गत अब तक कुल 408 प्रोजेक्ट मंजूर किये गए हैं। इनमें 228 प्रोजेक्ट पूरे भी किए जा चुके हैं। वहीं, 132 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इन प्रोजेक्ट के अंतर्गत 177 प्रोजेक्ट सीवेज प्रबंधन और 101 प्रोजेक्ट घाटों के नवीकरण और निर्माण को लेकर हैं। आँकड़ों के अनुसार, अब तक ₹30,000 करोड़ रुपए से ज्यादा दी मंजूरी की जा चुकी है।
केंद्र सरकार के प्रयासों की बात जाए तो अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार केंद्र ने गंगा की सफाई लिए लगभग ₹13,000 करोड़ रूपए खर्च किया है। इसमें उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक ₹4,205 करोड़ रुपए मिले हैं, जबकि बिहार को लगभग ₹3500 करोड़ रुपए मिले हैं। इसके अतिरिक्त उन राज्यों को भी सहायता दी गई है जहाँ से गंगा में मिलने वाली सहायक नदियाँ निकलती हैं।
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केंद्र सरकार का 2026 तक गंगा को स्वच्छ करके उसे पुनर्जीवित करने की योजना है। पहले यह मिशन 2021 तक पूरा होना था लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है।