वाराणसी के लल्लापुरा की रहने वाली शोधकर्ता नजमा परवीन ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के राजनीति विज्ञान विभाग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पीएचडी पूरी कर ली है। उनके शोध का शीर्षक ‘नरेंद्र मोदी का राजनीतिक नेतृत्व: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन’ है।
बता दें कि शोधकर्ता नजमा परवीन पूरे भारत में पहली ऐसी मुस्लिम महिला हैं जिन्होंने शोध करने के बाद प्रधानमंत्री को राजनीति का ‘मेगास्टार’ बताया है।
परवीन ने इस शोध की शुरुआत 2014 में की थी जब उन्होंने नरेंद्र मोदी पर शोध के लिए बीएचयू में अपना दाखिला करवाया था और आठ साल में बीएचयू के प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव की देखरेख में अपना प्रोजेक्ट पूरा किया।
शोधकर्ता नजमा परवीन एक साधारण बुनकर परिवार से आती हैें, जिन्होंने कई साल पहले अपने माता-पिता को खो दिया था।
नजमा परवीन बताती हैं कि उन्होंने इस विषय को इसलिए चुना क्योंकि प्रधाननमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विकास का एक मॉडल बनाया था जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ी और वे देश के प्रधानमंत्री बने।
नजमा परवीन यह भी बताती हैं कि शुरुआत में कुछ लोगों ने उनके फैसले का विरोध किया, लेकिन वह अपने विचार पर कायम रहीं और शोध के लिए आगे बढ़ती रहीं।
आपको बता दें, मोदी की तरह राजनेता बनने का सपना संजोए परवीन ने पहले से ही एक राजनीतिक पार्टी, भारतीय अवाम पार्टी बना ली है, जिसकी वह अध्यक्ष भी हैं।
नजमा परवीन का कहना है कि रिसर्च में तीन तलाक के खिलाफ आंदोलन, काशी की मुस्लिम महिलाओं का पीएम मोदी को राखी भेजना और भारतीय अवाम पार्टी का मोदी को समर्थन को प्रमुखता से शामिल किया गया है।
नजमा परवीन तीन तलाक के खिलाफ हैं, यहाँ तक कि जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने इस प्रथा के खिलाफ कानून बनाया, तो वह प्रधानमंत्री को धन्यवाद देने वाली पहली मुस्लिम महिलाओं में से एक थीं।