ज्ञानवापी के तहखाने में त्रिशूल, मूर्तियां और अन्य हिन्दू प्रतीकों की आकृतियाँ मिलने के बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने धमकी दी है कि वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा किए जा रहे सर्वे का बहिष्कार करेंगे।
दरअसल, इंतजामिया कमेटी ने ज्ञानवापी में पाए गए हिन्दू प्रतीकों को अफवाह बताया है। कमेटी का कहना है कि मीडिया में यह अफवाह फैलाई जा रही है और अगर इस अफवाह पर रोक नहीं लगाई गई तो सर्वे का विरोध करेंगे।
समाचार एजेन्सी UNI ने इंतजामिया कमेटी के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन के हवाले से लिखा है कि हिन्दू प्रतीकों के मिलने के दावों ने मुस्लिम समुदाय में डर का माहौल पैदा कर दिया है और उनकी भावनाओं को ठेस पहुँचाई है।
मुस्लिम पक्ष के वकील कमेटी के सदस्य अखलाक अहमद का कहना है कि उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट को भी फोन पर अफवाहों के बारे में सूचित किया और यह भी कहा कि मुस्लिम पक्ष ASI टीम के साथ सहयोग नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, “जब ASI के किसी भी सदस्य ने कोई बयान जारी नहीं किया, तो यह अफवाह कैसे फैलाई जा रही है कि शनिवार को ज्ञानवापी के एक तहखाने के नीचे एक मूर्ति, त्रिशूल और कलश पाए गए?”
हिन्दू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि सर्वेक्षण के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि सर्वे में एक डीजीपीएस उपकरण का उपयोग किया जा रहा था और मस्जिद के गुंबदों का सर्वेक्षण किया गया था जिसमें मस्जिद की पश्चिमी तरफ की दीवार भी शामिल थी।
वकील त्रिपाठी ने कहा है कि शुक्रवार और शनिवार को ज्ञानवापी मस्जिद के तहखानों की सफाई के दौरान मलबे के नीचे कुछ छोटी कलाकृतियाँ मिलीं। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की मैपिंग, फ्रेमिंग और स्कैनिंग की जा रही है।
बता दें कि 5 अगस्त, 2023 को खबर आई थी कि ज्ञानवापी परिसर में हिन्दू प्रतीकों से जुड़ी कलाकृतियाँ मिली थी। समाचार चैनल नवभारत टाइम्स ने बताया था कि तहखाने में मूर्तियों की आकृतियाँ मिलीं हैं और 4 फीट की मूर्ति भी वहाँ पर मौजूद है। यह भी बताया गया था कि वीडियोग्राफ़ी के दौरान इन प्रतीकों की शिल्पकला शैली और प्रत्येक डिज़ाइन की प्राचीनता को अध्ययन हेतु दर्ज कर लिया गया है।