गुरुवार, 16 दिसंबर को गाजीपुर जिले की एक अदालत ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी एवं उसके कथित सहयोगी भीम सिंह को उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई है। पिछले 17 साल से सलाखों के पीछे बंद अंसारी को इस साल दो मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है।
ताजा मामला जिसमें मुख़्तार को दोषी ठहराया गया है, वर्ष 1996 का है जब गाजीपुर पुलिस ने उन्हें गैंगस्टर अधिनियम के तहत दर्ज किया था। यूपी एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने एक बयान में कहा,
“गाजीपुर जिले के रहने वाले आईएस 191 गिरोह के सरगना मुख्तार अंसारी को 1996 में दर्ज मामले और यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषी करार दिया गया था। मुख़्तार एवं भीम सिंह को गाजीपुर एडीजे-1 सांसद/विधायक अदालत ने दोषी ठहराया था, भीम सिंह इसी गिरोह का एक अन्य सदस्य है। दोनों को 5 लाख रुपये के जुर्माने के साथ 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई है।”
एडीजी ने कहा कि यह ध्यान देने योग्य है कि यह पहला मामला है जिसमें अंसारी को एक ट्रायल कोर्ट ने अब तक दोषी ठहराया है। इस मामले से पहले अंसारी को हाई कोर्ट ने लखनऊ के आलमबाग थाने में दर्ज एक मामले में दोषी करार देते हुए सात साल कैद की सजा सुनाई थी। एक अन्य मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत पांच साल की सजा सुनाई थी।
उत्तर प्रदेश पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, अंसारी के खिलाफ 60 मामले दर्ज हैं और उनमें से 11 पिछले चार सालों में दर्ज किए गए हैं। उस पर पांच मामलों में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। गैंगस्टर एक्ट के तहत पहला मामला वाराणसी छावनी थाने में 1988 में हत्या का दर्ज किया गया था। उसके खिलाफ दूसरी हत्या का मुकदमा उसी साल गाजीपुर के कोतवाली थाने में दर्ज किया गया था।
तीसरा मामला 2009 में वाराणसी के चेतगंज थाने में दंगा और हत्या का, जबकि चौथा 1991 में वाराणसी के मुगलसराय थाने में हत्या का दर्ज हुआ था। पांचवां मामला 1996 में गाजीपुर कोतवाली में दंगा, हत्या के प्रयास और आपराधिक धमकी सहित अन्य अपराधों के लिए दर्ज किया गया था।
अंसारी पांच बार मऊ से विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। जेल में रहते हुए वह तीन बार जीते। मुख्तार ने 2022 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था। उनके बेटे अब्बास अंसारी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के टिकट पर सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
बुधवार को प्रयागराज की एक स्थानीय अदालत ने अंसारी को प्रवर्तन निदेशालय की 10 दिन की हिरासत में भेज दिया निदेशालय, जो पिछले साल उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामले की जांच कर रहा है। पांच बार के विधायक अंसारी वर्तमान में बांदा जिला जेल में बंद हैं।