सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक रिपोर्ट में बताया है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर होने वाले अपराधों में लगभग 20% दोषी रोहिंग्या हैं। सीमा सुरक्षा बल द्वारा वर्ष 2022 के लिए जारी की गई एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। भारत और बांग्लादेश 4,000 किलोमीटर से भी ज्यादा लम्बी सीमा साझा करते हैं।
देश के उत्तरपूर्वी राज्यों मेघालय और त्रिपुरा में यह सभी रोहिंग्या अपराधों में संलिप्त पाए गए हैं। सीमा सुरक्षा बल ने यह भी बताया है कि वर्ष 2022 के दौरान कुल 501 लोग विभिन्न सीमा पार अपराधों में संलिप्त पाए गए जिनको गिरफ्तार किया गया।
भारत और बांग्लादेश की सीमा अभी भी काफी स्थानों पर खुली हुई है और प्राकृतिक चिन्हों से बांटी हुई है। ऐसे में बड़े पैमाने पर मानव तस्करी, ड्रग तस्करी एवं पशु तस्करी तथा अवैध घुसपैठ की घटनाएं सामने आती रहती हैं।
समाचार एजेन्सी ANI के अनुसार, मेघालय में सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल की टुकड़ियों ने कुल 21.4 करोड़ रुपए का तस्करी का सामान जब्त किया है। इनमें पशुओं से लेकर वाहन और ड्रग आदि शामिल हैं।
बांग्लादेश में म्यांमार से भागे हुए रोहिंग्या की बड़ी तादाद है। म्यांमार में बहुसंख्यक बौद्ध आबादी की कुछ महिलाओं के साथ हुए अपराध के बाद रोहिंग्याओं के खिलाफ गुस्सा फूटा था, जिसके कारण बड़ी संख्या में रोहिंग्या पिछले कुछ सालों से म्यांमार से भाग रहे हैं।
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बांग्लादेश के कॉक्स बाजार इलाके में रोहिंग्याओं की लाखों की शरणार्थी आबादी बस चुकी है, इससे स्थानीय आबादी भी परेशान है। बांग्लादेश लगातार म्यांमार से इन लोगों को वापस लेने के लिए आग्रह करता आया है।
भारत में भी अवैध तरीके से आए हुए रोहिंग्या कई बार अपराधों में संलिप्त पाए गए हैं। केंद्र सरकार, दिल्ली हाईकोर्ट में भी यह कह चुकी है कि कई रोहिंग्या शरणार्थी, पाकिस्तान के आतंकी समूहों से सम्बन्ध रखते हैं।
वहीं बांग्लादेश भी रोहिंग्याओं द्वारा किए गए अपराधों से त्रस्त हैं, बांग्लादेशी समाचार वेबसाइट द डेली स्टार के अनुसार, अब तक 2,441 मामले रोहिंग्याओं के खिलाफ दर्ज किए गए हैं।
कई रोहिंग्या शरणार्थियों ने बांग्लादेश में अपने-अपने गैंग बना लिए हैं और ड्रग तस्करी, अपहरण और वसूली जैसे अपराधों में संलिप्त हैं।