अयोध्या जिले में प्रस्तावित मस्जिद का नाम पैगंबर मुहम्मद के नाम पर रखा जाएगा। देश की सभी मस्जिदों के संगठन ऑल इंडिया राबता-ए-मस्जिद (एआईआरएम) द्वारा इसके नामकरण का फैसला कर लिया गया है।
अयोध्या के धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद का नाम ‘मुहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद’ रखा जाएगा। इसका फैसला मुंबई में हुए एक विभिन्न मुस्लिम संप्रदायों के संगठन ऑल इंडिया राबता-ए-मस्जिद (एआईआरएम) सम्मेलन में किया गया है जिसका आयोजन बीजेपी नेता हाजी अरफात शेख की पहल पर हुआ था। सम्मेलन में वरिष्ठ मौलवियों ने भाग लिया था। एआईआरएम सम्मेलन में अयोध्या की प्रस्तावित मस्जिद पैगंबर के नाम पर रखने की घोषणा की गई। ज्ञात हो कि धन्नीपुर मस्जिद श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के विवादित ढ़ांचे के मूल स्थान से लगभग 22 किमी दूर है।
बीजेपी नेता हाजी अरफात शेख का कहना है कि नवंबर, 2019 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से आवंटित जगह पर बनने वाली नई मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद होगी। मस्जिद में 5,000 पुरुष और 4,000 महिलाओं समेत 9,000 श्रद्धालु एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं। पूरे मस्जिद परिसर में अतिरिक्त भूमि की खरीद के साथ, चिकित्सा, शैक्षिक और सामाजिक सुविधाएं भी होंगी।
वहीं, सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य वक्ताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में मिली 5 एकड़ जमीन के अलावा भी सुविधाएं बढ़ाने के लिए 6 एकड़ जमीन खरीदने की योजना है। सम्मेलन में शामिल हुए हाजी अरफात शेख का कहना है कि भव्य मुहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद परिसर का काम, विभिन्न समूहों के बीच कुछ मतभेदों की वजह से विलंबित हो गया था। अब जल्द धन्नीपुर स्थल पर काम शुरू होने वाला है।
मस्जिद की जमीन में विस्तार का फैसला इसके डिजाइन में बदलाव को लेकर किया गया है। दरअसल, बैठक में इस मस्जिद की डिजाइन में बदलाव का फैसला भी लिया गया है। बताया जा रहा है कि मस्जिद अब पहले से बड़े आकार की होगी। इसके लिए पैसे जुटाने के लिए देश भर में अभियान भी चलाया जाएगा। बैठक में फैसला लिया गया है कि मस्जिद के पाँच दरवाजे होंगे, जिनके नामकरण पैगंबर मोहम्मद और उनके उत्तराधिकारी चार खलीफाओं- हजरत अबू बकर, हजरत उमर, हजरत उस्मान और हजरत अली के नाम पर किया जाएगा। साथ ही अरब देशों की मस्जिदों की तर्ज पर इसमें पांच मीनारें और गुंबद बनाए जाएंगे।
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने भी मस्जिद का नाम सामने आने के बाद कहा कि सका डिज़ाइन प्राचीन इस्लामी वास्तुकला से प्रेरित रहेगा। पुणे के वास्तुकार इमरान शेख इसके निर्माण को देखेंगे। उन्होंने कहा कि नए डिज़ाइन की सबसे अच्छी बात इसकी पारंपरिक आभा है। मस्जिद की रूपरेखा जल्द ही साझा की जाएगी और हमें उम्मीद है कि यह दुनिया की सबसे खूबसूरत मस्जिदों में से एक बनेगी।
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