तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार (सितंबर 13, 2023) को सुझाव दिया कि उनकी पार्टी को धर्म विरोधी टिप्पणियों से बचना चाहिए क्योंकि इसका इस्तेमाल प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा ध्यान भटकाने के लिए कर रहे हैं।
स्टालिन का कहना है कि प्रधानमंत्री रोजमर्रा के मुद्दों पर चुप रहते हैं। उनका मंत्रिमंडल हिंदू धर्म पर ध्यान केंद्रित रखता है। उन्होंने कहा कि मैं डीएमके नेताओं और कैडर से आग्रह किया करता हूँ कि वे इस तरह ध्यान भटकाने वाली रणनीति पर प्रतिक्रिया न करें और भाजपा से सवाल पूछना जारी रखें।
इसके साथ ही स्टालिन अपने पार्टी नेताओं को ने विपक्ष के मुद्दों जैसे मणिपुर में जातीय हिंसा, अडानी जैसे मुद्दों पर बात करने की सलाह दी। उनका कहना है कि नेता मोदी सरकार की विफलता दर्शाने वाले मुद्दों पर बात करें। स्टालिन ने कहा कि डीएमके ने 28 दलों के साथ इंडि गठबंधन का निर्माण किया है ताकि वर्ष, 2024 में भाजपा का विरोध कर सकें।
उल्लेखनीय है कि द्रमुक प्रमुख का यह संदेश उनके बेटे और खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘सनातन धर्म को खत्म किया जाना चाहिए’।
इसके बाद से ही कांग्रेस और अन्य दलों से जुड़े नेताओं ने लगातार उदयनिधि स्टालिन का सहयोग करने के लिए हिंदू धर्म के खिलाफ बयान दिए थे। यहां तक कि डीएमके नेता के. पोनमुडी ने तो ऐलान कर दिया था कि इंडि गठबंधन का निर्माण ही हिंदू धर्म को खत्म करने के लिए हुआ है।
हालांकि विवाद को बढ़ता देखकर डीएमके प्रमुख बचाव की मुद्रा में आ गए हैं और नेताओं को ऐसी बयानबाजी से बचने की सलाह दे रहे हैं। इसके पहलवे स्टालिन प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर उदयनिधि की टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाते हुए अपने बेटे का समर्थन कर रहे थे।
स्टालिन का बयान सामने आने के बाद तमिलनाडु प्रदेश में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा कि डीएमके मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए राजनीति का प्रयोग कर रही है। भाजपा नेता का कहना है कि डीएमके के 11 मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप है। इनमें वी सेंथिल बालाजी भी शामिल हैं जो कि फिलहाल जेल में है।
अन्नामलाई ने स्टालिन के लिए कहना है कि उनके बेटे ने सरकार के घोटालों से ध्यान हटाने के लिए हिंदी धर्म पर टिप्पणी की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्टालिन सीएजी रिपोर्ट को गलत तरीके से पेश करके स्वयं को शर्मिंदा करना बंद करें।
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