प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 21-24 ज़ून के अमेरिका दौरे में विश्व की प्रमुख सेमीकंडक्टर चिप निर्माता माइक्रोन भारत में 1 बिलियन डॉलर (8,200 करोड़ रुपए) के निवेश से फैक्ट्री लगाने की घोषणा कर सकती है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह निवेश और भी बढ़ सकता है।
बाजार एवं वित्तीय मामलों की प्रमुख वेबसाइट ब्लूमबर्ग ने यह जानकारी दी है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, यह कदम अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच उठाया जा रहा है और इससे निर्माण क्षेत्र में चीन पर निर्भरता कम करने का प्रयास किया जाएगा।
गौरतलब है कि वर्ष 2020 में कोरोना महामारी आने के बाद से विश्व में लगातार सेमीकंडक्टर चिप की आपूर्ति में बाधाएं आ रही हैं। भारत सरकार ने इस क्षेत्र में अपनी पहुँच बढ़ाने और कुछ कम्पनियों के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए कई आकर्षक योजनाएं लाई हैं।

यदि इस निवेश की घोषणा हो जाती है तो यह प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के लिए बड़ी सफलता होगी। इससे अमेरिका और भारत के संबंधों में भी मजबूती आएगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान चिप और जेट इंजनों के भारत में निर्माण समेत अन्य महत्वपूर्ण समझौते हो सकते हैं। यात्रा की रूपरेखा तय करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(NSA) जेक सुलिवान समेत अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी नई दिल्ली का दौरा कर चुके हैं।
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माइक्रोन, अभी तक चीन में बड़े स्तर पर सेमीकंडक्टर चिप का निर्माण करता है और बड़े निवेश करता आया है। हालांकि, पिछले माह चीनी कम्पनियों द्वारा माइक्रोन निर्मित चिप के उपयोग पर चीन की सरकार ने प्रतिबंध लगा दिए थे। चीन का दावा था कि माइक्रोन द्वारा निर्मित उत्पादों से सुरक्षा संबंधित खतरे उत्पन्न होते हैं।
चीन का यह कदम अमेरिका द्वारा लिए गए फैसलों के जवाब में देखा गया था। अमेरिका ने कम्प्यूटर तकनीक समेत टेलिकॉम आदि क्षेत्रों में चीनी उत्पादों के उपयोग पर सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए प्रतिबंध लगाया हुआ है।
भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर निर्माताओं को लुभाने के लिए निर्णय लिया है कि वह नई फैक्ट्री लगाने में लगने वाली लागत की 50% धनराशि वहन करेगी, राज्य सरकारों ने भी अपने यहां फैक्ट्रियों के लिए सस्ते दर पर जमीन और अन्य सुविधाएं देने का वादा इन कम्पनियों से किया है।
कोरोना महामारी के बाद उत्पन्न हुई सप्लाई चेन की समस्याओं के कारण अब विश्व की प्रमुख कपनियां भारत को चीन के एक विकल्प के तौर पर देख रही हैं।
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