हरियाणा के नूंह में दंगाइयों द्वारा भड़की हिंसा कोई मामूली हिंसा नहीं बल्कि श्रद्धालुओं पर एक सोची समझी और बड़ी हिंसा थी।
श्रद्धालुओं पर हुए इस जानलेवा हमले के विरोध में कई हिंदू संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया गया। वहीं इस बड़ी हिंसा से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वीडियो में जिस तरह से हिंसा होती नज़र आ रही है उससे तो यह हिंसा कम और आतंकवाद ज़्यादा नज़र आता है।
इन्हीं कुछ वीडियोज में से एक वीडियो नलहरेश्वर मंदिर से भी सामने आया, जहाँ से ब्रजमंडल यात्रा शुरू की गई थी। सामने आए वीडियो में ये साबित होता है कि नलहरेश्वर मंदिर के आऊटर कैंपस में मौजूद श्रद्धालुओं पर पहाड़ियों से फायरिंग की गई थी और मंदिर के आऊटर कैंपस में मौजूद लोग वहां खड़ी गाड़ियों के पीछे छिपकर अपनी जान बचाने को मजबूर थे। इस दौरान एक पुलिसकर्मी भी गाड़ी के पीछे छिपकर जान बचाता नज़र आया।
इस पूरे मामले को लेकर आरोप भी लगाए गए थे कि उपद्रवियों ने पहाड़ के पीछे छिप कर और मंदिर को चारों ओर से घेरकर फायरिंग की थी। जिससे श्रद्धालुओं को मंदिर के भीतर छिपना पड़ा। वही मंदिर के पुजारी और उस दौरान मौके पर मौजूद पुलिसवालों ने भी फायरिंग होने की बात कही थी जो वीडियो सामने आने के बाद सच साबित हो गई।
हालाँकि, इस दंगे का केवल यही एक वीडियो नहीं बल्कि एक और वीडियो सामने आया है जिसमें एक सफेद रंग की हुंडई वेन्यू कार जिसका नंबर PB 31 W 4831 है, जिसमें मौजूद एक शख्स बार-बार दंगाइयों को गाइड कर रहा है और पूरी भीड़ को लीड कर रही है। इस दौरान मौके पर पुलिस की गाड़ी भी मौजूद थी, लेकिन भीड़ उनसे डरे बिना आगे बढ़ रही है।
जिसके बाद वीडियो की पड़ताल की गई और पता चला की वीडियो में नजर आ रही जगह दिल्ली-अलवर हाईवे है, जो नूंह शहर के बीच से गुजरता है।
ठीक इसी तरह दंगों को लेकर कई वीडियोज सामने आ रहे हैं जो हिंसा से कई ऊपर जाकर आतंकवाद की तस्वीर पेश कर रहा है। इसके विरोध में भी हर तरफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं और अपराधियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है।
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