हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को हुई भयानक हिंसा और भगवा बृजमंडल यात्रा पर हमले की परतें अब खुलने लगी हैं। मेवात में रहने वाले मुस्लिमों के फेसबुक एकाउंट्स से जुड़ी जानकारी सामने आने के पश्चात पता चला है कि वह पहले से ही इस यात्रा पर हमले को लेकर तैयार थे और लगातार अधिकाधिक लोगों को भड़का रहे थे कि हिंसा कैसे भड़कानी है।
गौरतलब है कि 31 जुलाई को दोपहर बाद से नूंह के नल्हड़ महादेव मंदिर से फिरोजपुर झीरका के लिए निकली भगवा यात्रा पर मुस्लिम समुदाय ने घेर कर हमला किया था। इस हमले में अब तक 3 लोगों की मौत की सूचना है और 1,500 से अधिक व्यक्ति घायल हैं। इस पूरे मामले में बीते दिनों की गतिविधि देखकर जाना जा सकता है कि किस तरह मेवाती मुस्लिम इस हमले की तैयारी कर के बैठे हुए थे।
यह एक फेसबुक अकाउंट में पोस्ट में किया गया कमेन्ट है। इसमें नावेद नाम का व्यक्ति लिखता है, “अगर ये आएगा, इन्शालाल्ह जरूर जाऊँगा जैसी अल्लाह की मर्जी होएगी जो देखी जाएगी”
दूसरे स्क्रीनशॉट में आप देख सकते हैं कि समीन खान का नाम एक शख्स लिखता है, “तू आएगा अपनी मर्जी से, बट जाएगा हमारी मर्जी से”, यह कमेन्ट जुनेद सिंगर नाम के खाते पर की गई पोस्ट के नीचे लिखा गया है जिसमें लोगों के आने की बात कही गई थी।
जुनेद सिंगर मनीषा नाम का एक अकाउंट लिखता है, “कौन आ रहा फिरोजपुर झिरका, हम वहीं हैं।”
इसी के नीचे एक सहीद महोनिया नाम का व्यक्ति लिखता है, “बिट्टू बजरंगी आरो है या को स्वागत कर दियो बढ़िया से”, इसके जवाब में जुनेद ‘इंशाअल्लाह’ लिखता है।
जुनेद की ही पोस्ट में समीम खान नाम का व्यक्ति लिखता है, “आजा मोनू मेवात बस इसी का इन्तेजार है”
सैफ मार्क नाम का व्यक्ति लिखता है, “आजा मुन्ना तेरी इन्तेजार है जल्दी आना कैंसल मत हो जाना।”
शाहरुख खान इसी पर लिखता है, “आज मौका है बदला लेने का”।
जुनेद की ही पोस्ट पर हदीस अली सिद्दीकी लिखता है, “एक बार तो आ तो मेवात में, अब बता दे किस रास्ते से तू आ रहा है”, मोहम्मद इरफ़ान डेदवाल लिखता है, “आजा आजा, तेरा ही इन्तेजार है हमको”
मोहम्मद आरिफ लिखता है, “एक बार तुम आ जाओ और बता दो कौन से रास्ते से मेवात के अंदर दाखिल हो गए”
फजाइल खान लिखता है, “आजा वेट फॉर एंड है तेरा”
वसीम का नाम का शख्स लिखता है, “रूट बता दो एक सरप्राइज देना है”
मोहम्मद रफीक लिखता है, “आजा तू तेरा ऐसा स्वागत करेंगे कि सारी जिन्दगी मेवात ना भूले”
रकीब खान सुबह सुबह नूंह पहुँचने की अपील कर रहा है।
वसीम खान लिखता है, “अगर मेवात आ गया तो बच नहीं पाएगा”
इससे पहले भी बहुत सी ऐसी पोस्ट और वीडियो सामने आई जिनसे साफ़ पता चलता है कि बड़े स्तर पर हिंसा करने की तैयारी पहले से हो रही थी।
उपरोक्त पोस्ट में मोनू मानेसर नाम के एक शख्स को बहाना बनाकर हिंसा भड़काने वाली बाते लिखी गई हैं।
मोनू मानेसर की ही वीडियो को आधार बना कर और लोग भी हिंसा फैलाने वाली बातें लिख रहे थे।
मेवात हिंसा
31 जुलाई को हरियाणा के राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे मेवात इलाके के नूंह क्षेत्र में भारी हिंसा (Haryana Nuh Violence) हुई है। नूंह के नल्हड़ महादेव मंदिर में जल अर्पित कर आगे फिरोजपुर झिरका जा रही विश्व हिन्दू परिषद् की बृजमंडल यात्रा पर इलाके के मुस्लिम समुदाय ने घेर कर हमला किया। बताया जा रहा है कि इस हिंसा के मामले में अब तक 21 FIR दर्ज हो चुकी हैं।
मुस्लिम समुदाय द्वारा किए गए हमले में कई गाड़ियों को आग लगा दी गई, पुलिसकर्मियों पर हमले किए गए और एक पुलिस अधिकारी को गोली लगने की भी सूचना है। हिंसा के दौरान रोड के आसपास से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घेरकर गाड़ियों पर पथराव किया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपनी छतों से भी पथराव किया।
हिंसा में दो पुलिसकर्मियों समेत तीन व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। हिंदी समाचार पत्र जागरण के अनुसार, यात्रा में हिन्दुओं पर किए गए पथराव में 1,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं जिनमें बड़ी संख्या महिलाओं की भी है। पूरे क्षेत्र में अब धारा 144 समेत कर्फ्यू लगा दिया गया है और इन्टरनेट सेवाएं 2 अगस्त तक बंद कर दी गई हैं।
हिंसा की शुरुआत दोपहर लगभग 1:30 बजे हुई जब गुरुग्राम से चली हिन्दुओं की यात्रा में शामिल लोग नूंह के नल्हड़ महादेव मंदिर में जलाभिषेक करने के बाद आगे फिरोजपुर झिरका की तरफ बढ़े। यात्रा पर लगभग हजारों की संख्या में मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया और उनको गाड़ियों से निकाल कर मारा गया, गाड़ियों को पहले तोड़ा गया और फिर इनमें आग लगा दी गई। लोग बचने के लिए वापस मंदिर के नादर जाने लगे तब उनपर घर की छतों से पथराव मुस्लिम समुदाय ने किया।
घटना के बाद सामने आई जानकारी में यह सामने आया है कि इस यात्रा पर हमले की पहले से योजना बनाई जा रही थी, मुस्लिम समुदाय के युवक सोशल मीडिया पर लगातार लोगों को भड़का रहे थे और कुछ युवक लगातार यात्रा की लाइव जानकारी भी दे रहे थे। यात्रा के साथ भी कुछ मुस्लिम समुदाय के युवक चल रहे थे जो कि फोन के माध्यम से बाकी दंगाइयों को बता रहे थे कि कौन कहाँ पहुंचा है।