हरियाणा के मेवात में मुस्लिमों द्वारा बृजमंडल यात्रा पर किए गए हमले के बाद लोगों में मेवात के मुस्लिमों का डर भर गया है। सामान्य जनता से चलकर यह डर अब नोएडा के कथित निष्पक्ष पत्रकारों तक भी पहुँच गया है। मेवात में रिपोर्टिंग के लिए जाने से पहले अब पत्रकार अपनी हिन्दू पहचान छुपा रहे हैं ताकि उन पर हमला ना कर दिया जाए।
ऐसा ही एक मामला डिजिटल मीडिया न्यूज चैनल दी लल्लनटॉप के पत्रकार ‘अभिनव पांडे’ का सामने आया है। अभिनव मेवात में हिंसा के बाद रिपोर्टिंग के लिए गए हुए थे। अभिनव ने इस दौरान सारा दोष हिन्दुओं पर ही डालने का प्रयास किया और दिखाया कि स्थानीय लोग जिन्होंने हमला किया था वह कितने सहिष्णु हैं।
हालाँकि, संभावना जताई जा रही है कि अभिनव ने इस दौरान अपनी पहचान छुपाने के लिए एक दिन पहले तक पहना गया कलावा उतार दिया। संभवतः अभिनव को यह डर था कि यदि वह कलावा पहनकर मेवात में रिपोर्टिंग के लिए जाते हैं तो जिहादी कट्टरपंथी उन पर हमला कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर कुछ अकाउंट्स इसके साक्ष्य भी सामने रख रहे हैं।
ट्विटर पर एक यूजर ‘बाला’ ने मेवात की रिपोर्ट से एक दिन पहले के अभिनव के एक वीडियो का स्क्रीनशॉट डाला है जिसमें अभिनव न्यूजरूम में कलावा पहने हुए दिखाई देते हैं। इसके पश्चात अगले दिन जब वह मेवात की वीडियो डालते हैं तो लोगों से बातचीत करते दिखता है कि उन्होंने अपना कलावा हटा दिया है और उस जगह पर लगातार कलावा पहने जाने के निशान भी बने हुए हैं।
लोगों ने इस सम्बन्ध में अभिनव पांडे से जब प्रश्न किए तो वह जवाब देने के बजाय ब्लॉक कर के चले गए। गौरध्तयान देने योग्य है कि कलावा हिन्दुओं के लिए पवित्र है और रक्षासूत्र के तौर पर धारण किया जाता है। कसाब से लेकर लव जिहाद में यह सामने आया है कि मुस्लिम युवा अपनी पहचान छुपाने के लिए कलावा पहनते हैं।
हालाँकि, कलावा उतार कर अपनी हिन्दू पहचान छुपाने का यह मामला नया है। ऐसे में यह प्रश्न उठ रहे हैं कि लल्लनटॉप के पत्रकार स्थानीय मुस्लिम जनता से से डरे हुए थे कि उन्होंने अपना कलावा उतार दिया।
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