कल सोमवार (26 जून, 2023) को एक बार फिर सोशल मीडिया के सहारे साम्प्रदायिक माहौल ख़राब करने का प्रयास किया गया। इस बार यह प्रयास प्रोपेगेंडा पोर्टल ‘द वायर’ के पूर्व पत्रकार और मकतूब मीडिया नामक पोर्टल में कार्यरत मीर फैजल ने किया है।
क्या है पूरा मामला
मीर फैजल ने अपने ट्वीटर अकाउंट से कोटा राजस्थान का एक वीडियो शेयर किया। वीडियो में दावा किया गया कि कोटा के एक कोचिंग संस्थान में मुस्लिम छात्र नमाज पढ़ रहे थे और इस दौरान दूसरे छात्रों द्वारा जय श्री राम के नारे लगाकर मुस्लिम छात्रों का उत्पीड़न किया गया।
मीर फैजल अपने ट्वीट में लिखते हैं “मुस्लिम छात्र एलन इंस्टीट्यूट में निर्धारित क्षेत्र में शुक्रवार की नमाज कर रहे थे और यह देखने के बाद हिंदू छात्रों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाकर उनका विरोध करना शुरू कर दिया। इस वीडियो को दो दिन पहले इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया गया था। #इस्लामोफोबिया “
हालाँकि जानकारी में सामने आया कि वीडियो 3 वर्ष पुराना है और पुलिस ने इस पर बयान भी जारी कर दिया है। कोटा पुलिस के अनुसार “यह वीडियो 2020 का है अभी ऐसी कोई गतिविधि नहीं हुई है, तत् समय इस पर संबंधित संस्था द्वारा प्रभावी कार्यवाही अमल में लाई गई थी,पुलिस ऐसे घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखती है। कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य है।”
हालाँकि कई यूजर्स द्वारा इन जय श्री राम के नारे लगा रहे छात्रों का समर्थन भी किया गया।
मामले पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
निवेश यादव नामक अकाउंट ने लिखा कि “वहां NEET या IIT के लिए जाते हैं या नमाज पढ़ने?”
डॉ सुभोजित नामक यूजर ने नमाज के लिए विशेष क्षेत्र पर सवाल उठाये।
राजा सिंह नामक यूजर ने इसे हिन्दुस्तान की खूबसूरती से जोड़ दिया।
वहीं मीर फैजल के ट्ववीट करने के बाद यह पुराना वीडियो तेजी से वायरल हुआ और कई अकाउंट्स द्वारा इसे शेयर किया गया।
हेट कैम्पेन शुरू
वीडियो वायरल होते ही हिन्दू छात्रों को निशाना बनाने का कैंपेन शुरू हो गया।
निमो यादव नामक एक ट्वीटर अकाउंट ने इस घटना को उत्तर प्रदेश एवं बिहार के हिन्दू छात्रों से जोड़कर प्रसारित किया। उसने लिखा, “यह एलन इंस्टीट्यूट, कोटा राजस्थान है, क्लास के बाहर कुछ मुस्लिम छात्र नमाज पढ़ रहे थे, तभी हजारों छात्रों ने एक साथ जय श्री राम का नारा लगाना शुरू कर दिया। यह यूपी के छात्रों द्वारा राजस्थान में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास है।”
हालाँकि वीडियो के पुराने होने का खुलासा होते ही उसने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। इस पर कई यूजर्स ने उत्तर प्रदेश एवं बिहार पुलिस को टैग करते हुए इस अकाउंट पर कार्रवाई की मांग की।
एक अन्य अकाउंट मोहम्मद हबीर रेहमान, जिसके बायो के अनुसार वह मुस्लिम एक्टिविस्ट है, वह इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखता है,
“भारतीय बहुसंख्यक मुसलमानों के प्रति नफरत में उबल रहे हैं।किसी भी सभ्य देश में छात्र एक-दूसरे के साथ एकजुटता से खड़े होते हैं लेकिन भारत में हिंदू छात्र जय श्री राम का नारा लगाकर मुस्लिम छात्रों द्वारा शुक्रवार की नमाज पढ़ने का विरोध कर रहे हैं। कृपया बहुत देर होने से पहले अपने बच्चों को कट्टरपंथ से मुक्त करें।”
एक अन्य हेट डिटेक्टर नामक अकाउंट ने भी इस पुराने वीडियो को शेयर किया है।
ज्ञात हो कि कोटा का यह पुराना वीडियो शेयर करने वाले मीर फैजल सहित अन्य एकाउंट्स अक्सर फेक खबरें शेयर करने के लिए जाने जाते हैं। तो क्या ऐसे में क्या इस बात की संभावना लगाई जा सकती है कि यह सब बकरीद को ध्यान में रखते हुए साम्प्रदायिक माहौल ख़राब करने की साजिश थी?
मीर फैजल: फेक न्यूज़ का शांतिदूत
मीर फैजल ने इसी वर्ष रामनवमी के मौके पर भड़की हिंसा को अपना हथियार बनाया। मीर फैजल ने कई फर्जी वीडियो शेयर कर यह सिद्ध करने का प्रयास किया था कि ये हिंसा हिन्दुओं द्वारा भड़काई गयी थी। लेकिन इस प्रयास में वो नाकाम रहे और अलग अलग राज्यों की पुलिस द्वारा उनके प्रोपगंडा का खुलासा कर दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने वे ट्वीट डिलीट कर दिए।
इस पूरे मामले पर ऑप इंडिया नामक न्यूज़ पोर्टल ने एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की थी जिसमें एक एक कर मीर फैजल के सभी फ़र्ज़ी ट्वीट्स का खुलासा किया था।