यूरोपीय संघ संसद (EU Parliament) में भारतीय राज्य मणिपुर की स्थिति पर हुई चर्चा पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है। भारत ने स्पष्ट किया है कि यह पूरी तरह से हमारा आंतरिक मामला है।
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 13 जुलाई, 2023 को ट्वीट कर कहा कि “हमने देखा है कि यूरोपीय संसद ने मणिपुर पर चर्चा की और एक तथाकथित अत्यावश्यक प्रस्ताव अपनाया।”
MEA प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि “भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप स्वीकार करने योग्य नहीं है और यह औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है।”
अरिंदम बागची ने भारत का स्टैंड स्पष्ट करते हुए कहा कि न्यायपालिका और भारतीय अथॉरिटी समेत सभी स्तरों पर मणिपुर की स्थिति से भली-भांति अवगत हैं और शांति, सद्भाव व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उचित कदम उठा रहे हैं।
EU संसद को भारत की सलाह
भारत ने यूरोपीय संसद को मुंहतोड़ जवाब देने के साथ साथ एक सलाह भी दी है। भारत ने कहा है कि यूरोपीय संसद को हमारी सलाह है कि वह अपने समय का उपयोग अपने आंतरिक मुद्दों पर ध्यान देने के लिए करे।
बता दें कि मणिपुर में करीब दो महीनों से मैती और कुकी समुदाय के बीच हिंसक संघर्ष की घटनाएं सामने आई हैं। जिसके बाद राज्य और केंद्र सरकार ने अलग-अलग स्तर पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई तरह के प्रयास किए हैं।गृहमंत्री अमित शाह स्वयं कई दिनों तक मणिपुर के दौरे पर रहे हैं।
EU ससंद ने क्या कहा था?
यूरोपीय संघ (EU) संसद ने 12 जुलाई, 2023 को मणिपुर हिंसा पर समाधान प्रस्ताव पर चर्चा की थी। यूरोपीय संसद ने मणिपुर पर एक प्रस्ताव पारित किया और भारत सरकार से हिंसा को रोकने और अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया था।
हालाँकि, भारत ने तत्काल दो टूक शब्दों में यह स्पष्ट कर दिया था कि मणिपुर हिंसा भारत का आंतरिक मामला है।
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने यूरोपीय संघ संसद के प्रस्ताव पर पत्रकार वार्ता में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा था कि “यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। हमें पता है कि संसद (EU) में क्या हो रहा है और हमने सम्बन्धित यूरोपीय संघ के सांसदों से बात करने की कोशिश की है, लेकिन हमनें यह स्पष्ट कर दिया है कि यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है।
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