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Home » पश्चिम बंगाल: गंगासागर मेले में 39 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
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पश्चिम बंगाल: गंगासागर मेले में 39 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

The Pamphlet StaffBy The Pamphlet StaffJanuary 16, 2023No Comments3 Mins Read
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Gangasagar Mela
गंगासागर मेला
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मकर संक्रांति के पर्व पर पश्चिम बंगाल में लगने वाला गंगासागर मेला श्रद्धालुओं के हर-हर महादेव की ध्वनि से गूंज उठा। पुण्य स्नान के लिए गंगासागर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुँचे। मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त के दौरान करीब 39 लाख तीर्थयात्रियों ने गंगासागर में डुबकी लगाकर सूर्य को नमन किया। 

बता दें कि मकर संक्रांति के पर्व पर देशभर से तीर्थयात्री गंगासागर में स्नान के लिए आते हैं। श्रद्धालु शनिवार से ही यहाँ एकत्रित होना शुरू हो गए थे जिससे वो स्नान से वंचित न रह पाए। स्नान के बाद श्रद्धालु कपिल मुनि के मंदिर जाते हैं। इस दौरान साधु संत भी गंगासागर मेला परिसर में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। 

भीड़ अधिक होने से लोगों को स्नान के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के महत्व के चलते झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कई क्षेत्रों से तीर्थयात्री गंगा सागर मेले में आए हैं। साथ ही नेपाल से भी श्रद्धालु पावन पर्व पर गंगा में डुबकी लगाने पहुँचे। 

झारखंड से आई एक श्रद्धालु का कहना है कि वो अपने पूरे परिवार एवं रिश्तेदारों के साथ यहां आई है। गंगासागर मेला कोई तीर्थस्थान नहीं बल्कि उनके लिए उनके घर जैसा ही है। मान्यता है कि गंगा में स्नान से सभी पाप धुल जाते हैं और मन को शांति मिलती है। इसलिए हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ आकर डुबकी लगाते हैं। गंगासागर के महत्व को ध्यान में रखते हुए नागा साधु से लेकर हर आयु वर्ग के लोग यहाँ आते हैं। 

मेले के दौरान राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के अधिकारियों द्वारा श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई। एनडीआरएफ की टीम ने इस दौरान लोगों में परंपरा के अनुसार खिचड़ी का वितरण किया। एनडीआरएफ सहायक कमांडेंट सुधीर द्विवेदी ने बताया कि हम यहाँ श्रद्धालुओं के प्रबंधन एवं रेस्क्यू ऑपरेशन के काम के तहत आए थे। इस दौरान कमांडेंट गुरमीत सिंह का सुझाव था कि श्रद्धालुओं के लिए और कुछ करना चाहिए। इसलिए पहली बार तीर्थयात्रियों में खिचड़ी का वितरण किया गया है। 

यह भी पढ़ें- मकर संक्रांति: आसमान और पतंग की प्रेम कहानी

श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो, यह सुनिश्चित करते हुए हमारे कमांडेंट गुरमीत सिंह के निर्देशों अनुसार श्रद्धालु यहाँ एक दिन पहले आ जाते हैं और अगले दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करते हैं तो वो करीब 12-15 घंटे से भूखे होते हैं ऐसे में उन्हें समय से भोजन उपलब्ध करवाने से बड़ा पुण्य नहीं हो सकता। 

उल्लेखनीय है कि मकर संक्रांति के अवसर पर सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करते हैं। ये फसल आगमन का भी पर्व है। इसी पावन पर्व पर हर वर्ष गंगासागर में स्नान के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां आते हैं। 

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