मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा हिंदू नेताओं की लक्ष्य बनाकर की गई हत्या को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 15 के तहत आतंकवादी कृत्य मानने से इंकार कर दिया गया है। अदालत ने इस अधिनियम के तहत गिरफ्तार एक व्यक्ति को जमानत भी प्रदान कर दी है।
मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस एसएस सुंदर और सुंदर मोहन की खंडपीठ ने बुधवार को कहा कि साक्ष्यों से पता चलता है कि साजिश कुछ धार्मिक नेताओं पर हमला करने की थी। अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि इसे आतंकवादी कृत्य कैसे माना जाएगा, जैसा कि यूएपीए की धारा 15 के तहत परिभाषित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि ये टिप्पणिया आसिफ मुस्ताहिन द्वारा की गई जमानत की अपील के संबंध में जारी की गईं। आसिफ को आपराधिक गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए 26 जुलाई 2022 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा यूएपीए के तहत हिरासत में लिया गया था।
इसके साथ ही कोर्ट का कहना है कि यूएपीए की धारा 15 के तहत एक अधिनियम लाने के लिए मामला भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा या संप्रभुता को धमकी देने या धमकी देने की संभावना के इरादे या भारत या किसी विदेशी देश में लोगों या लोगों के किसी भी वर्ग में आतंक या आतंक फैलाने की संभावना से किया जाना चाहिए या हमला करने के इरादे से किया जाना चाहिए।
जाहिर है कि आरोपितों की ओर से जमानत याचिका दायर की गई थी जिसे ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। वह पिछले 17 महीने तक हिरासत में रहे। अभियोजन पक्ष की दलील के अनुसार, आरोपित ने आतंकवादी संगठन आईएस में शामिल होने की इच्छा व्यक्त करके वैश्विक आतंकवादी संगठन से जुड़े दूसरे आरोपी के साथ संबंध स्थापित किया था। इसके अतिरिक्त, यह दावा किया गया कि दोनों ने भाजपा और आरएसएस से जुड़े हिंदू धार्मिक नेताओं की हत्या की साजिश रची।
हालांकि, अभियोजन पक्ष से असहमति जताते हुए पीठ ने कहा कि सबूत किसी भी बिंदु पर यह सुझाव नहीं देते हैं कि आरोपी आईएस में शामिल हो गया था या दूसरा आरोपी आतंकवादी समूह का सदस्य था। अदालत ने कहा कि यह मानते हुए भी कि अभियोजन पक्ष द्वारा एकत्र की गई सामग्री अंततः दोषसिद्धि का कारण बन सकती है, मुकदमे के लंबित रहने तक हिरासत अनिश्चितकालीन नहीं हो सकती।
इसी फैसले के साथ पीठ ने आरोपी को सशर्त जमानत प्रदान करते हुए उसे अगली सूचना तक इरोड में रहने और रोजाना सुबह 10:30 बजे ट्रायल कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
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