मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वर्ष 2022-23 के लिए राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण से पता चलता है कि प्रदेश बहुत तेज गति से तरक्की कर रहा है। मुख्यमंत्री प्रदेश की राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे स्टेडियम में आर्थिक विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश की आर्थिक प्रगति के आँकड़ों को बताने के साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण की प्रमुख बातों को बताया। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश कृषि, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास इन्फ्रा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
हाल ही में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मध्य प्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण सामने आया है जिसमें कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आई हैं। सर्वे के अनुसार, वर्ष 2022-23 में राज्य की आर्थिक तरक्की की दर 16.43% रही है। इससे पहले वर्ष 2021-22 में राज्य की आर्थिक प्रगति की दर 18% से ऊपर रही थी।
वर्तमान में राज्य की अर्थव्यवस्था (GSDP) 6.43 लाख करोड़ की हो गई है जो कि वर्ष 2011-12 के दौरान लगभग 3.15 लाख करोड़ की थी। यह वर्ष 2021-22 के दौरान लगभग 6 लाख करोड़ रुपए थी। इस तरह राज्य की अर्थव्यवस्था में 10 वर्षों में 103% की वृद्धि है।
इसी तरह मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति औसत आय अब 65,023 रुपए हो गई है, यह वर्ष 2021-22 के दौरान 61,534 रुपए थी जबकि वर्ष 2011-12 के दौरान मात्र 38,497 रुपए थी। इस तरह लगभग 10 वर्षों के समयकाल में मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति औसत आय 68.9% बढ़ी है।
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब प्रदेश का बजट तैयार करने से पहले हमने जनता की राय लेना भी चालू किया है। पिछले वर्ष 4,000 सुझाव बजट निर्माण के सम्बन्ध में आए थे और हम उनमें से अधिकांश अपने बजट में शामिल करने में सफल रहे हैं।
मध्य प्रदेश अपनी मूलभूत सुविधाओं को भी तेजी से बढ़ा रहा है। इसके लिए किए जाने वाले कैपिटल एक्सपेंडीचर में भी पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2022-23 के दौरान 45 हजार करोड़ से अधिक की धनराशि कैपिटल एक्सपेंडीचर के लिए दी गई है।
वर्ष 2021-22 के दौरान यह लगभग 37 हजार करोड़ ही था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं के लिए विशेष रूप से प्रतिबद्ध है इसीलिए वर्ष 2023-24 के बजट में से 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि महिला योजनाओं पर खर्च की जा रही है। इनमें लाडली लक्ष्मी, लाडली बहन और कन्या विवाह योजनाएं आदि प्रमुख हैं।
मुख्यमंत्री ने पहले चालू की हुई एक योजना के परिणामों के सम्बन्ध में बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2017 में बैगा, भरिया और सहरिया जैसी जनजातियों की महिलाओं को प्रति माह 1 हजार रुपए देना चालू किया था जिसके परिणाम अब नीति आयोग की रिपोर्ट से सामने आए हैं जिसमें कहा गया है कि उस धनराशि ने महिलाओं ने अपने परिवार के लिए गुणवत्तापूर्ण भोजन खरीदने में उपयोग किया।
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मुख्यमंत्री शिवराज ने राज्य के आर्थिक प्रबंधन की भी बात की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में राज्य की जीडीपी और कर्जे का अनुपात लगभग 39% था जो कि वर्ष 2021-22 में घट कर 22.6% हो चुका है।