अपनी आवाज से लोगों के दिलों में एक विशेष जगह बनाने वाली प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का पिछले वर्ष आज ही के दिन 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। आज उनकी पुण्यतिथि है।
ऐसा नहीं है कि लता मंगेशकर का सफ़र हमेशा शोहरत और कामयाबी के इर्द गिर्द ही रहा हो। बचपन में ही अपने पिता को खोने के बाद लता मंगेशकर ने परिवार के लिए छोटे मोटे अभिनय भी किए। ये और बात थी कि लता को कभी भी मेकअप और अभिनय की दुनिया ने लुभाया नहीं, गायन ही उनका पहला जुनून था।
जब लता मंगेशकर ने गाया था गढ़वाली फिल्म के लिए गाना
यूँ तो उत्तराखण्ड की गढ़वाली बोली में महेंद्र कपूर, उदित नारायण आदि काफ़ी प्रसिद्ध गीत गा चुके हैं लेकिन इस बात से कम ही लोग अवगत होंगे कि लता मंगेशकर भी एक गढ़वाली फिल्म के लिए गाना गा चुकी हैं। इस क़िस्से में सबसे खूबसूरत बात यह थी कि इसके बदले लता ने एक भी रुपया नहीं लिया था। ये बात है वर्ष 1990 की और फ़िल्म का नाम था ‘रैबार’। रैबार फ़िल्म के ही एक गीत के लिए लता मंगेशकर ने अपनी आवाज़ दी थी।
रैबार शब्द का हिंदी अर्थ ‘सन्देश’ होता है और इस फिल्म में पलायन के विषय को रखा गया था। लता मंगेशकर द्वारा गए गए इस एकमात्र गढ़वाली गीत के बोल थे ‘मन भरमेगे मेरू’। इस गीत के बोल देवी प्रसाद सेमवाल ने लिखे थे और इसे कुँवर सिंह रावत ने संगीत दिया।
सामाजिक संस्था को दे दी थी इस गीत की कमाई
रैबार फिल्म के इस गीत की रिकार्डिंग अक्टूबर, 1988 में की गई थी। इस गीत के बदले जब लता मंगेशकर को इसका भुगतान किया गया तो उन्होंने यह राशि छोटे बच्चों की एक सामाजिक संस्था के नाम कर दी। बता दें कि गढ़वाली संगीत तथा कला के संपन्न इतिहास में महेंद्र कपूर भी अपनी आवाज दे चुके हैं।
इस गीत को आप इस यूट्यूब लिंक पर भी देख सकते हैं