उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में सितम्बर 14 को दो नाबालिग दलित लड़कियों की बलात्कार के बाद पेड़ से लटका कर हत्या कर दी गई।

घटना के सामने आते ही पूरा विपक्ष प्रदेश की योगी सरकार पर हमलावर हो गया और महिलाओं के भाजपा के राज में ना सुरक्षित होने के आरोप लगाने लगा। वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस ने तेजी दिखाते हुए 24 घंटे के अन्दर सभी आरोपियों को पकड़ कर जब उनके नाम का खुलासा किया तो वे समुदाय विशेष के निकले, जिससे अब पूरे विपक्ष ने मौन धारण कर लिया है।
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के जिला लखीमपुर खीरी में निघासन थाना क्षेत्र में स्थित तमोलिन पुरवा गाँव में दिनांक सितम्बर 14, 2022 को शाम के वक्त दो नाबालिग दलित लड़कियों की लाश एक गन्ने के खेत के पास पेड़ से लटकी हुई पाई गई थी।
इससे पहले आरोपी गाँव में आकर इन बालिकाओं को अपने साथ मोटरसाइकल पर ले कर गए थे, जिसके बाद इनके साथ दुष्कर्म और हत्या की वारदात को अन्जाम दिया गया।
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर बड़ी संख्या संख्या में ग्रामीण और पुलिस बल पहुँच गए । गाँव वालों ने पुलिस के विरुद्ध सड़क पर शवों को रखकर विरोध प्रदर्शन प्रारम्भ कर दिया। मौके की गंभीरता को देखते हुए तुरंत पुलिस विभाग से जिले के एसपी संजीव सुमन एवं आईजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह घटनास्थल पर पहुंचे।

पुलिस ने सुबह शवों को कब्जे में लेकर परिजनों की सहमति एवं उपस्थिति में शवों का पोस्टमार्टम कराया और साथ ही आरोपियों की धर-पकड़ के लिए पूरे जिले में अभियान चलाया। हालाँकि, कई जगहों पर लड़कियों के पिता का यह बयान भी चल रहा है कि उनकी सहमति और पंचनामे के बिना ही पोस्टमार्टम करवाया गया।
चूंकि घटना नाबालिग बालिकाओं से जुडी हुई थी अतएव पूरा विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया और योगी आदित्यनाथ के राज में महिलाओं के असुरक्षित होने का आरोप लगाने लगा, आरोप लगाने वालों में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा एवं अन्य विपक्षी नेता थे।
पुलिस की कारवाई
घटना का तेजी से खुलासा करते हुए जिला खीरी की पुलिस ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की और नामों का खुलासा किया। एसपी सुमन संजीव ने बताया की एक आरोपी को पुलिस से हुई मुठभेड़ में पकड़ा गया है और उसके पैर में गोली लगने के कारण अभी उसका इलाज चल रहा है।
खीरी एसपी संजीव सुमन ने जिले के डीएम महेंद्र बहादुर सिंह के साथ की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आरोपित और पीड़ित बालिकाएं एक दूसरे को पहले से जानते थे और हाल ही में इनमें दोस्ती हुई थी।
एसपी के अनुसार, बालिकाओं को पहले एक खेत में ले जाया गया और साथ शारीरिक समबन्ध बनाने के बाद जब बालिकाओं ने शादी की जिद की तो उससे क्रुद्ध होकर इन आरोपितों ने दुपट्टे से गला कस कर उनकी हत्या कर दी।

आरोपितों के नाम जुनैद,सुहैल,छोटे, हफ़ीजुर्ररहमान,करीमुद्दीन एवं छोटू हैं जो कि पीड़ित के पड़ोस के ही गाँव के रहने वाले हैं।वहीं एक आरोपित जुनैद को पुलिस ने एक मुठभेड़ के बाद पकड़ा जब वह पुलिस पर हमला करके भागने का प्रयास कर रहा था। आरोपितों पर पोस्को के अंर्तगत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, साथ ही उन पर हत्या का मामला भी दर्ज किया गया है।
विपक्ष में चुप्पी
घटना के त्वरित खुलासे में आरोपियों के नाम सामने आने के बाद विपक्ष ने नफा-नुकसान का हिसाब लगाते हुए मौन धारण कर लिया, जहाँ घटना की रात तक विपक्ष सरकार पर जंगलराज और बेटियों के सुरक्षित ना होने का आरोप लगा रहा था।
आरोपितों के नाम सामने आने के बाद से विपक्षी गलियारों में सन्नाटा पसर गया। पीड़िताओं के परिवार वालों से भी मिलने कोई विपक्ष का नेता नहीं आया। विपक्ष के द्वारा घटना पर किए जा रहे ट्वीट की भी गति धीमी पड़ गई।

उत्तर प्रदेश से जुड़े महिलाओं के मामलों को हमेशा राजनीतिक रंग देने वाली कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा ने आरोपियों के नाम सामने आने के बाद पूर्ण चुप्पी साध ली है और कोई ट्वीट भी नहीं किया है।