पश्चिम बंगाल के आसनसोल के एक व्यवसायी ताबिश एहसान ने अपनी शादी के 14 साल बाद अपनी पत्नी नाज़िया अम्बरीन क़ुरैशी और उसके परिवार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। ऐसा गंभीर कदम उठाने के पीछे कारण यह है कि शादी के चौदह साल बाद ताबिश को पता चला कि उसकी पत्नी भारतीय नागरिक नहीं है। ताबिश के अनुसार उसकी पत्नी भारतीय नहीं बल्कि वास्तव में एक बांग्लादेशी नागरिक है।
ताबिश एहसान और नाज़िया क़ुरैशी ने वर्ष 2009 में अरेंज मैरेज की थी। नाज़िया ने ताबिश और उनके परिवार को बताया था कि उनका जन्म और पालन–पोषण उत्तर प्रदेश में हुआ था। दोनो की शादी सुचारू रूप से एक दशक से अधिक समय तक चली। हालाँकि , वर्ष 2022 में कुछ ऐसे घटनाक्रम सामने आए जिससे ताबिश को अपनी पत्नी नाज़िया की वास्तविक राष्ट्रीयता का पता चला। नाज़िया अपने दूसरे बच्चे को जन्म देने से पहले अचानक ताबिश को छोड़कर अपनी माँ के घर चली गई और सभी संपर्क तोड़ दिए।
नाज़िया के चले जाने के बाद ताबिश ने उसकी पृष्ठभूमि की जांच शुरू की। उसे अपने ससुराल वालों से पता चला कि नाजिया वापस न लौटने की धमकी दे रही है। नाज़िया के परिवार ने ताबिश के खिलाफ घरेलू हिंसा कानून के तहत मामला भी दर्ज किया लेकिन उसे जमानत मिल गई। इसी दौरान ताबिश के एक रिश्तेदार ने उसे बताया कि नाजिया असल में भारत की नहीं बल्कि बांग्लादेश की रहने वाली है।
जांच के दौरान ताबिश को पता चला कि नाज़िया ने इससे पहले भी बांग्लादेश में एक स्कूल के शिक्षक से शादी की थी और उसे तलाक दे दिया था। उस पर तलाक के लिए दबाव डाला गया और उस पर झूठे आरोप लगाए। इसके बाद नाज़िया और उसका परिवार बिना वीज़ा या जरूरी दस्तावेज़ के अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए। भारतीय पहचान हासिल करने के बाद उसकी मुलाक़ात ताबिश से हुई और दोनों ने शादी कर ली।
ताबिश ने नाज़िया और उसके रिश्तेदारों के खिलाफ जालसाजी, अवैध प्रवासन, आपराधिक साजिश और जाली दस्तावेजों के इस्तेमाल के लिए पुलिस शिकायत दर्ज की। पुलिस ने जालसाजी और घुसपैठ से संबंधित विभिन्न आपराधिक अपराधों के लिए नाज़िया और उसके रिश्तेदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
ताबिश ने सवाल किया कि नाज़िया ने 2007-2009 तक बिना भारतीय पासपोर्ट के पढ़ाई के लिए कनाडा की यात्रा कैसे की, क्योंकि जाली दस्तावेजों के माध्यम से उसे 2020 में केवल एक के लिए मंजूरी दी गई थी। क़यास लगाए जा रहे हैं कि नाज़िया और उसका परिवार अवैध रूप से भारत आए थे और उन्होंने नागरिकता हासिल करने के लिए ताबिश का इस्तेमाल किया था। पुलिस की निष्क्रियता से निराश ताबिश ने कई विभागों को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई की मांग की।
ताबिश द्वारा दायर मामले की फिलहाल कोलकाता पुलिस जांच कर रही है। दोषी पाए जाने पर नाज़िया को धोखाधड़ी से शादी करने और अवैध रूप से भारत में रहने के लिए जाली दस्तावेजों का उपयोग करने के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। मामला इस तरह की नागरिकता धोखाधड़ी को रोकने के लिए पृष्ठभूमि की गहन जांच की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।