समस्त दुनिया में आज भारत के जो दो ब्रांड सबसे ज्यादा चलन में हैं तो उनमें एक हैं महात्मा गाँधी और दूसरे पीएम नरेंद्र मोदी। एक थे आजादी की लड़ाई के सेनापति, तो दूसरे हैं नव-भारत के ध्वजवाहक!
देश और दुनिया में भारतीय पीएम के आलोचक अकसर यह कहते नहीं थकते कि गांधी के देश को मोदी बर्बाद कर रहे हैं। हालाँकि, 2014 के बाद से विश्लेषण करें तो पाएंगे कि पीएम मोदी ने ‘गाँधी ब्रांड’ को प्रखरता से ना केवल अपनाया, बल्कि उसे जन-जन तक पहुंचाया।
PM की विचारधारा क्या गाँधी-विरोधी?
आज (2 अक्टूबर, 2022) सुबह सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी राजघाट पहुंचे जहाँ उन्होंने महात्मा गाँधी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। सुबह 9:23 पर उन्होंने गाँधी जयंती के उपलक्ष्य पर ट्वीट भी किया।
2014 के बाद जब नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ की तो कई राजनीतिज्ञों का मानना था कि अब देश में गाँधी की विरासत पर हमला होगा। यह विचार, हालाँकि कोरी कल्पना मात्र साबित हुई। यह कयास इसलिए लगाए जाते रहे, क्योंकि जिस विचारधारा से पीएम मोदी जुड़ें हैं, वह गाँधी और गांधीवाद से अकसर विरोधाभास रखती है।
हिंदुत्व विचारधारा के जनक वीर सावरकर ने कई बार साफ-साफ शब्दों में महात्मा गाँधी की आलोचना की है। सावरकर मानते थे कि गाँधी के सत्याग्रह और अहिंसा के पथ पर चलना निरर्थक है तो गाँधी भी सावरकर के हिंदुत्व से सहमत नहीं थे। यह हालाँकि, वैचारिक मतभेद मात्र थे। राष्ट्र के प्रति कर्तव्य निर्वहन दोनों का ही पाथेय था।
हिंदुत्व और आरएसएस से ताल्लुख रखने के बावजूद पीएम मोदी का गाँधी को वरीयता और सम्मान देना कई लोगों को आश्चर्यजनक लगता है। हालाँकि, पीएम मोदी ने कई बार साफ किया है कि वह स्वच्छता और कई अन्य विषयों में गाँधी के विचारों से सीख लेते हैं।
मोदी और गाँधी
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री कार्यकाल पर अगर एक नजर डालें तो पता चलेगा कि कैसे कई मौकों पर बार-बार उन्होंने गाँधी का जिक्र किया है।
स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत के लिए पीएम मोदी ने गाँधी जयंती की तारीख चुनी थी। स्वच्छता के इस मिशन के लिए बापू के चश्मों को प्रेरणा के तौर पर भी लिया गया। इस मुहिम की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि कैसे गाँधी के ‘स्वच्छ भारत’ का सपना आज भी अधूरा है।
उन्होंने कई विदेश यात्राओं में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए महात्मा गाँधी का आह्वान करते हुए बापू के मूल्यों पर चलने की सलाह दी।
2019 में संयुक्त राष्ट्र में गाँधी की 150वीं जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गाँधी भारतीय थे लेकिन उनका संबंध पूरे विश्व से था। इसी साल अमेरिका के प्रसिद्ध अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में पीएम मोदी ने गाँधी पर एक लेख लिखा।
पीएम नरेंद्र मोदी को भले ही उनके आलोचक ‘गाँधी-विरोधी’ की उपाधि देते हैं लेकिन बीते कुछ सालों में उन्होंने जन-जन तक महात्मा गाँधी की विचारधारा को पहुंचाने का कार्य किया है।