त्रिपुरा के मुख्यमत्री माणिक साहा ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि प्रधानमंत्री द्वारा किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को दिए गए 17,000 करोड़ रुपए किसानों की बड़ी सहायता करेंगे। उन्होंने देश भर में 1.5 लाख प्रधानमंत्री किसान सम्मान केन्द्रों की योजना की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इन सभी योजनाओं से त्रिपुरा के किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने 27 जुलाई को देश के किसानों को हर 4 महीने पर दी जाने 2,000 रुपए की नई किश्त जारी की। यह इस योजना के अंतर्गत 14वीं किश्त थी। फरवरी 2019 में प्रारम्भ किए जाने के बाद अब तक 2.59 लाख करोड़ रुपए की सहायता इस योजना के तहत किसानों को दी जा चुकी है।
योजना के प्रारम्भ किए जाने के समय देश में इसका लाभ पाने वाले किसानों की संख्या 3.16 करोड़ थी जो कि वर्तमान में बढ़कर 8.11 करोड़ हो चुकी है। योजना में शामिल किसानों का लगातार सत्यापन भी किया गया है ताकि सहायता सही लोगों तक पहुंचे। वहीं प्रधानमंत्री किसान सम्मान केन्द्रों को खोलने का उद्देश्य यह है कि किसानों को खाद, बीज और रसायन सभी एक ही जगह पर मिल सकें।
केंद्र सरकार इन केन्द्रों के जरिए खाद और रसायन की कालाबाजारी पर भी नजर रख पाएगी और उत्पादकों तक सही उर्वरक पहुंचेंगे। केंद्र सरकार लगातार खाद की सब्सिडी पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है क्योंकि फरवरी 2022 में यूक्रेन-रूस युद्ध छिड़ने के पश्चात वैश्विक बाजारों में खाद की कीमतें आसमान छूने लगी थीं। भारत विश्व का सबसे बड़ा यूरिया उत्पादक होने के पश्चात भी कुछ मात्रा रूस जैसे देशों से खरीदता है।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2023-24 में खाद सब्सिडी के रूप में 2.25 लाख करोड़ रुपए देने का निर्णय लिया है। वर्तमान में केंद्र सरकार उत्पादक और उपभोक्ता दोनों को समस्या न हो इसके लिए लगभग 5 लाख करोड़ की सब्सिडी खाद्य पदार्थों और उर्वरकों में दे रही है।
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