आम आदमी पार्टी शासित पंजाब में कानून-व्यवस्था के हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। ताजा मामला खालिस्तान समर्थक नेता और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह से जुड़ा हुआ है।
ख़ालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के हजारों समर्थकों ने आज बृहस्पतिवार (23 फरवरी, 2022) को अमृतसर के अजनाला थाने पर धावा बोला। उसके समर्थकों ने थाने के बाहर खूब हंगामा भी किया। ये सभी लोग अमृतपाल सिंह के करीबी और सहयोगी तूफान सिंह की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भी कई विजुअल सामने आ रहे हैं जिनमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि अमृतपाल के समर्थक अजनाला थाने के बाहर हाथों में तलवार और बन्दूक लेकर पुलिस बैरिकेड्स तोड़ रहे हैं।
दरअसल, अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने में ख़ालिस्तान समर्थक अमृतपाल एवं उसके साथी तूफान सिंह समेत कुल 30 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज है। इन्होंने अमृतपाल के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाले एक युवक को अगवा करने के बाद उसे बुरी तरह पीटा था। इस केस के बाद वारिस पंजाब दे संगठन के सभी लोग हिंसक प्रदर्शन पर उतर आए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खालिस्तानी समर्थक जबरन अजनाला थाने में घुसे और इस दौरान उन्होंने पुलिस पर भी पथराव किया।
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समाचार एजेन्सी ANI के अनुसार, ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। इसके विरोध में अमृतपाल सिंह के समर्थक थाने के बाहर एकत्रित हुए थे। बता दें कि ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की स्थापना दीप सिद्धू ने की थी, जिनकी 15 फरवरी, 2022 को हरियाणा के सोनीपत में दिल्ली से पंजाब जाते समय एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।
अजनाला पुलिस थाने के बाहर बड़ी संख्या में अमृतपाल के समर्थन में निहंग सिख तलवारों के साथ नजर आए। इस दौरान पुलिस से उनकी झड़प भी हुई और कई पुलिसकर्मी घायल भी बताए जा रहे हैं। ज्ञात हो कि पुलिस ने 17 फरवरी को अमृतपाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
अमृतपाल की अमित शाह को धमकी
अमृतपाल ने अजनाला थाने के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा कि “अमित शाह ने कहा था कि खालिस्तान आन्दोलन को नहीं बढ़ने देंगे। मैंने कहा था कि इन्दिरा गाँधी ने भी ऐसा ही किया था और अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको परिणाम भुगतने होंगे।”
खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल ने कहा, “अगर गृहमंत्री ‘हिन्दू राष्ट्र’ की माँग करने वालों से यही कहते हैं, तो मैं देखूंगा कि क्या वे गृहमंत्री बने रहते हैं।”
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