केरल की वामपंथी सरकार के संस्कृति मंत्री साजी चेरियन मुस्लिम समुदाय के बारे में दी गई एक प्रतिक्रिया के चले विवादों से घिर गए हैं। साजी चेरियन पर यह मुसीबत इस्लाम से सम्बंधित अजान के सम्बन्ध में सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने पर आई है। साजी ने सोमवार (7 अगस्त, 2024) को लोगों से इस बारे में अपनी ‘गलतफहमी दूर करने’ की अपील की है।
सीपीएम पहले से ही केरल के स्पीकर एएन शमसीर की उस टिप्पणी को लेकर विवादों में है, जिसमें उन्होंने कहा था कि छात्रों को विज्ञान पढ़ाया जाना चाहिए, न कि ‘मिथक’। शमसीर ने यह बयान हिन्दुओं के देवता श्री गणेश के सम्बन्ध में दिया था, जिस पर जमकर विवाद भी हुआ।
रविवार को तिरुवनंतपुरम में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, केरल के संस्कृति मंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी हालिया यात्रा के दौरान सऊदी अरब की मस्जिदों में अजान की आवाजें नहीं सुनीं, क्योंकि वे आवाजें सिर्फ उनकी मजहबी उपासना के परिसर तक ही सीमित थीं। संभवतः साजी के कहने का तात्पर्य खुले में नमाज या फिर लाउडस्पीकर पर रोजाना सुनाई देने वाली आवाज से था।
जब उनका यह बयान विवादों में आया और सोशल मीडिया पर विभिन्न मंचों पर इसकी आलोचना होने लगी तो चेरियन ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका बयान उन्हें दी गई एक गलत जानकारी के आधार पर था और उस वक्त वो खाड़ी देश के दौरे पर थे।
एक फेसबुक पोस्ट में साजी चेरियन ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग उनके इरादे को समझे बिना उनके भाषण के कुछ हिस्सों को फैला रहे हैं।
चेरियन ने रविवार को कहा था कि जब वह सऊदी अरब गए तो उन्होंने ‘अजान’ नहीं सुनी, जबकि वहां कई मस्जिदें हैं। जब उन्होंने इसके बारे में पूछताछ की तो उन्हें उनके एक सह-यात्री ने बताया कि वहां मस्जिदों के बाहर ‘अज़ान’ नहीं सुनी जाती। उन्होंने कहा कि वह इस पर काफी हैरान हैं। उन्होंने आगे कहा कि सऊदी अरब में कई ईसाई चर्च भी हैं और लोगों को वहां पर धार्मिक स्वतंत्रता है, लेकिन बाहर किसी भी लाउडस्पीकर की अनुमति नहीं है।
अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि वह केवल सऊदी अरब में उस धार्मिक सद्भाव को उजागर करने की कोशिश कर रहे थे जो उन्होंने देखा था। चेरियन ने कहा, उनके भाषण के कुछ हिस्सों को उनके इरादे को समझे बिना कुछ वर्गों द्वारा फैलाया जा रहा है।
कुछ ही समय पूर्व चेरियन संविधान के खिलाफ एक टिप्पणी को लेकर विवादों में आ गए थे और उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद पिछले साल उन्हें कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था। मामले में दोषमुक्त होने के बाद जनवरी में उन्हें फिर से कैबिनेट में शामिल कर लिया गया।
केरल: चुपके से भर्ती कर डाले 8000 अस्थाई शिक्षक, राजनीतिक दबाव और सिफारिशों से नियुक्ति के आरोप