मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीणा इस समय इनकम टैक्स इंटरिम सेटलमेंट बोर्ड (आईटीआईएसबी) की नई दिल्ली बेंच के फैसले के बाद विवादों में घिर गई हैं। विवाद करोड़ों की धांधली को लेकर है। जिसमें कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (CMRL) नामक एक निजी कंपनी से वीणा और उनकी कंपनी ‘एक्जिलॉजिक सॉल्यूशंस’ (Exalogic Solutions) को पिछले तीन वर्षों में मासिक क़िस्त में 1.72 करोड़ रुपए मिले हैं।
इस मामले को लेकर बेंच ने कहा कि वीणा और उनकी कंपनी ने आईटी, सॉफ्टवेयर और मार्केटिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए CMRL के साथ समझौता किया था, हालाँकि कोई भी सेवा प्रदान नहीं की गई, लेकिन उक्त सेवाएं प्रदान किए बिना क्रमशः 5 लाख रुपये और 3 लाख रुपये की मासिक क़िस्त प्राप्त करना जारी रखा गया, जैसा कि आयकर जांच में भी पाया गया।
आयकर विभाग ने तर्क दिया कि 2017-20 के दौरान वीणा और उनकी कंपनी को 1.72 करोड़ रुपए मिले जो कि अवैध लेनदेन है। जस्टिस आम्रपाली दास, जस्टिस रामेश्वर सिंह और एम जगदीश बाबू की सेटलमेंट बोर्ड बेंच ने कहा कि आयकर विभाग पुख्ता सुबूतों के आधार पर यह स्थापित करने में सक्षम है कि पैसे का भुगतान उन सेवाओं के लिए किया गया था जो प्रदान ही नहीं की गई थी।
आपको बता दें, आयकर विभाग ने साल 2019 में कंपनी और उसके अधिकारियों के कार्यालयों में तलाशी ली थी और बड़ी मात्रा में कर चोरी का मामला और राजनीतिक नेताओं, नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों और मीडिया को अवैध भुगतान करने का मामला सामने आया था।
इस खबर के सामने आते ही कॉन्ग्रेस ने न्यायिक जांच की मांग की और भाजपा ने मुख्यमंत्री विजयन से अपनी चुप्पी तोड़ने की बात कही। वहीं, सीपीएम केंद्रीय नेतृत्व ने खुद को इस विवाद से दूर रखा। सीएमआरएल ने कहा कि मुख्यमंत्री इस मामले में शामिल नहीं थे और उन्होंने एक्सलॉजिक के साथ अपने समझौते के अनुसार भुगतान किया था।
सबसे पहले इस विवाद पर कॉन्ग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनदान (Mathew Kuzhalnadan) ने मौन तोड़ा। उन्होंने वीणा पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री विजयन को सफाई देने की चुनौती देते हुए कहा, “मुख्यमंत्री की बेटी ने काली रेत खनन में लगी एक कंपनी से पैसे स्वीकार किए। मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि वे लोगों को बताएं कि वास्तव में क्या हुआ था।” साल 2022 में कुझालनदान ने एक्सलॉजिक सॉल्यूशंस पर गंभीर आरोप लगाए थे।
वीणा और उनकी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट की डिटेल्स वाले डॉक्युमेंट्स भी मिले जो कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी केएस सुरेश कुमार के परिसरों की तलाशी के दौरान पाए गए। जिसके बाद प्रबंध निदेशक एसएन शशिधरन कर्ता और CMRL ने नवंबर 2020 में एक निपटान आवेदन प्रस्तुत किया।
एक रिपोर्ट के अनुसार, कई वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा था कि जांच के दौरान वीणा की कंपनी एक्जिलॉजिक द्वारा कोई सेवा प्रदान नहीं की गई थी, बाद में उन्होंने एक हलफनामे के माध्यम से अपना बयान वापस लेने की कोशिश भी की थी।
आपको बता दें, ये पहली बार नहीं जब वीणा अपने बिजनेस डीलिंग से जुड़े मामले को लेकर विवादों के घेरे में आई हैं इससे पहले भी वह कई बार विवादों में घिरती नज़र आई हैं।
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