कर्नाटक में कॉन्ग्रेस की सरकार बनते ही उसकी दमनकारी नीतियां चालू हो गई हैं। जनता के सामने बड़े बड़े रेवड़ी वादे करके सत्ता में आई कॉन्ग्रेस ने एक सरकारी शिक्षक को निलंबित कर दिया है। शिक्षक को निलंबित करने के पीछे उसके द्वारा सिद्दारमैया की आर्थिक नीतियों की आलोचना करना कारण रहा है।
कॉन्ग्रेस ने हालिया कर्नाटक चुनावों के दौरान सस्ता रसोई गैस सिलेंडर, स्नातक युवाओं को 3,000 रुपए और डिप्लोमाधारी युवाओं को 1,500 रुपए प्रति माह देने का वादा किया था। इसके अतिरिक्त कॉन्ग्रेस ने राज्य की सभी महिलाओं को 2,000 रुपए देने का वादा किया था।
अब कॉन्ग्रेस ने कर्नाटक में 135 सीटें जीत कर सरकार बनाई है। कर्नाटक सरकार पर अब दबाव है कि वह चुनावों के दौरान किए गए वादों को पूरा करे। इसी संदर्भ में कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एक विद्यालय में तैनात एक सरकारी शिक्षक ने सिद्दारमैया की रेवड़ी राजनीति पर उनकी आलोचना वाली पोस्ट साझा की है।
शिक्षक द्वारा शेयर की गई पोस्ट में लिखा था कि सिद्दारमैया ने जब भी सरकार संभाली है तब तब राज्य का कर्ज बढ़ा है। इसीलिए वह रेवड़ी बांटने के इतने वादे कर पाते हैं। शान्तामूर्ति एमजी नाम के शिक्षक ने यह बात सोशल मीडिया साईट फेसबुक पर लिखी, जिसको लेकर उसका निलंबन कर दिया गया।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अनुसार, शिक्षक ने एक पोस्ट शेयर किया जिसमें लिखा था,
“ मुख्यमंत्री एस एम कृष्णा के शासन के दौरान राज्य का कर्ज 3,590 करोड़ रुपए था, धरम सिंह की सरकार के दौरान यह 15,635 करोड़ रुपए हो गया। एचडी कुमारस्वामी की सरकार में यह 3,545 करोड़ था और येदिरुय्प्पा की सरकार में 25,635 करोड़ रुपए था। डीवी सदानंद गौड़ा की सरकार में यह 9,464 करोड़ और जगदीश शेट्टार की सरकार में 13,464 करोड़ रुपए था जबकि सिद्दारमैया की सरकार में यह 2,42,000 करोड़ हो गया।”
शिक्षक को इसी के चलते निलंबित कर दिया गया। शिक्षक को जिला शिक्षा प्रशासन द्वारा निलंबित किया गया है। शिक्षक द्वारा शेयर किया गया फेसबुक पोस्ट और जिला प्रशासन का आदेश दोनों अब सोशल मीडिया पर वायरल ही रहे हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उनकी सरकार पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं कि मात्र एक आलोचना वाली पोस्ट से ही शिक्षक को निलाबित कर देना कहाँ तक सही है।
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