पश्चिम बंगाल में काली विसर्जन पर हुए कथित हमले के मामले में राज्य प्रशासन और विपक्ष दोनों के अलग-अलग पक्ष सामने आ रहे हैं। जैसा कि हमने पहले आपको बताया था कि कोलकाता के राजाबाजार में काली विसर्जन के दौरान कुछ लोगों ने कथित तौर पर हमला किया था, जिसके बाद क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया।
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने घटना का वीडियो शेयर कर कहा था कि पुलिस से सुरक्षा मांगने के बाद भी हिंदुओं को सुरक्षा नहीं दी गई। हालांकि इस मामले में पुलिस ने लगातार यही दावा किया है कि काली विसर्जन शांतिपूर्ण रहा और किसी ने उसपर हमला नहीं किया। बल्कि हमले का मामला बाइक पार्किंग से जुड़ा हुआ है।
अब इसी मामले को दबाने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक यूट्यूबर पत्रकार को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाकर यूट्यूब चैनल “मध्यम न्यूज” से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया है कि मध्यम न्यूज़ द्वारा जानबूझकर और गलत इरादे से गलत सूचना फैलाई गई, तथ्यों को पूरी तरह से तोड़-मरोड़ कर पेश करके सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया था। इसके बाद पुलिस ने मंगलवार को यूट्यूब चैनल के “कार्यालय” की तलाशी ली। छापेमारी के दौरान पंकज उर्फ आकाश बिस्वास (एंकर) और अनन्यो गुप्ता को गिरफ़्तार किया गया।
हालांकि इस गिरफ्तारी पर विपक्ष ने कड़ा विरोध दर्ज करवाया है। राज्य में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक्स पर लिखा कि “ममता की पुलिस, जो काली पूजा पंडाल की सुरक्षा और माँ काली की मूर्ति के अपमान को रोकने में विफल रही है, ने आज पत्रकार अनन्यो गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। ऐसा लगता है कि उनकी गलती यह है कि वह सच को कवर कर रहे थे। यह केवल फ्री प्रेस के बारे में नहीं है, यह उन आवाज़ों को दबाने का प्रयास है जो पश्चिम बंगाल में सनातन धर्म पर हमले के समय आवाज़ उठाती हैं।”
बताया जा रहा है कि यूट्यूब वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा था और उसपर 1,30,00 व्यूज़ भी आ चुके थे। अब भाजपा मामले पर पश्चिम बंगाल सरकार पर प्रेस की स्वतंत्रता खत्म करने का आरोप लगा रही है।
लगाए भी क्यों नहीं? पश्चिम बंगाल पुलिस ने पूरे मामले में संदेहजनक काम किया है। पहले पुलिस ने काली विसर्जन के लिए सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाई और जब विसर्जन के समय हमला हुआ तो उसे कथित तौर पर दबाने का प्रयास किया गया और अब स्थिति यह है कि घटना के संबंध में वीडियो शेयर करने वाले पत्रकार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
ऐसा लग रहा है कि मामले से संबंधित कुछ ऐसा है जिसे पश्चिम बंगाल पुलिस सामने नहीं आने देना चाहती।
आखिर यह पहला मामला तो नहीं है जब पश्चिम बंगाल पुलिस ने मामले को दबाने के लिए पत्रकारों को गिरफ्तार किया हो। इससे पहले संदेशखाली में टीएमसी नेता शेख शाहजहां पर लगे यौन उत्पीड़न के मामले को कवर करने पहुंचे पत्रकार को राज्य पुलिन ने गिरफ्तार कर लिया था। वहीं हाल ही में आरजीकर रेप केस में भी पुलिस पर गंभीर आरोप लग चुके हैं। और सोशल मीडिया पर आवाज़ उठाने वालों को चुप कराने के प्रयास भी कलकत्ता पुलिस द्वारा किए गए ये सभी ने देखा भी।
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