The PamphletThe Pamphlet
  • राजनीति
  • दुनिया
  • आर्थिकी
  • विमर्श
  • राष्ट्रीय
  • सांस्कृतिक
  • मीडिया पंचनामा
  • खेल एवं मनोरंजन
What's Hot

बीआरएस ने लोकतंत्र को बनाया लूटतंत्र; तेलंगाना में प्रधानमंत्री मोदी का विपक्ष पर वार

October 3, 2023

न्यूज़क्लिक पर प्रशासनिक कार्रवाई से क्यों बौखलाया विपक्ष

October 3, 2023

हिंदुओं को बांटकर देश को बांटना चाहती है कांग्रेस; जातिगत सर्वे पर प्रधानमंत्री मोदी का पलटवार

October 3, 2023
Facebook X (Twitter) Instagram
The PamphletThe Pamphlet
  • लोकप्रिय
  • वीडियो
  • नवीनतम
Facebook X (Twitter) Instagram
ENGLISH
  • राजनीति
  • दुनिया
  • आर्थिकी
  • विमर्श
  • राष्ट्रीय
  • सांस्कृतिक
  • मीडिया पंचनामा
  • खेल एवं मनोरंजन
The PamphletThe Pamphlet
English
Home » जोगा बोनीतो: द ब्यूटीफुल गेम
खेल एवं मनोरंजन

जोगा बोनीतो: द ब्यूटीफुल गेम

गौरव शर्माBy गौरव शर्माNovember 29, 2022No Comments5 Mins Read
Facebook Twitter LinkedIn Tumblr WhatsApp Telegram Email
जोगा बोनीतो
जोगा बोनीतो
Share
Facebook Twitter LinkedIn Email

मैं 08:19 की बोरीवली से चर्चगेट को जाने वाली लोकल ट्रेन में बैठ ऑफिस को जाते हुए यह लेख लिख रहा हूँ। मुम्बई में सुबह शाम थोड़ी ठंड होने लगी है। हालाँकि, यहाँ पहाड़ों जैसी ठंड नहीं। मुझे याद आ रहे हैं हॉस्टल के वो दिन जब चारों ओर सफेद बर्फ ही बर्फ होती थी और हम नन्हें बच्चे बर्फ से लकदक मैदान में फुटबॉल खेला करते थे।

बात यही कोई सन् 2000-2002 के आसपास की है। तब देहरादून कंक्रीट का जंगल नहीं बना था। यह एक हरा भरा जिन्दादिल शहर था। गढ़ी कैंट से लेकर नेहरू कॉलोनी के लड़के तड़के सुबह जग कर गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज के समीप स्थित मैदानों में आकर फुटबॉल खेला करते थे।

वहाँ मैदान में मौजूद सभी लड़के खुद को ‘डिन्हो’ कहलवाना पसन्द करते थे। सब स्केच पेनों, वॉटर कलर आदि से अपनी कमीजों पर नाम- डिन्हो और 10 नम्बर लिखवा लिया करते थे। तब फुटबॉल का बाजारीकरण नहीं हुआ था, भारत में। किसी भी देश या क्लब की जर्सी लेने दिल्ली आदि बड़े नगर जाना होता था।

देहरादून में फुटबॉल खेल रहा हर लड़का डिन्हो कहलवाना चाहता था, खुद को। डिन्हो, यानी रोनाल्डिन्हो; घुंघराले बालों व बच्चों सी मासूम मुस्कान वाला ब्राज़ीली जादूगर।

ब्राज़ील जैसी कद्दावर टीम का 10 नंबर का खिलाड़ी रोनाल्डिन्हो। जिसको रोकने के लिए सम्पूर्ण विश्व के किसी भी कोच के पास कोई सटीक रणनीति कभी भी नहीं होती थी। रोनाल्डिन्हो जब मैदान पर होता, दर्शकों की नजरें बस उन पर ही गढ़ी रहतीं। रोनाल्डिन्हो के खेल में एक अदा, एक नफासत, एक जादू था।

गौरतलब है कि एकबार मैड्रिड के खिलाफ खेलते हुए रोनाल्डिन्हो ने दो गोल दागे। पूरे मैच में कोई उनसे गेंद नहीं छीन पा रहा था। उनके खूबसूरत खेल को देखते हुए विपक्षी फैंस भी अपनी-अपनी सीटों पर खड़े होकर उनके लिए तालियाँ बजा रहे थे।

दरअसल, फुटबॉल मशहूर जरूर यूरोप में हुआ हो लेकिन फुटबॉल की रूह तो दक्षिण अमेरिका में ही बसती है। दक्षिण अमेरिकी फुटबॉल में सूफियाना जुनून है। आप इसमें एक दफा जो डूब गए तो फिर कभी आप फुटबॉल से नाता तोड़ ही नहीं सकते।

दक्षिण अमेरिका के हर छोटे-बड़े देश की हर छोटी-बड़ी गली में आपको बच्चों से लेकर बुजुर्ग सब फुटबॉल खेलते नजर आ जाएंगे। वो फुटबॉल एक मैच जीतने भर के लिए नहीं खेलते, फुटबॉल तो उन्हें सुकून देता है। यूरोपीय फुटबॉल चाहकर भी कभी दक्षिण अमेरिकी जादू को अपने आगोश में न ले सकेगा। दक्षिण अमेरिकी फुटबॉल में अपना अनोखा मैजिकल रिएलिज़्म है।

माराडोना हों या मेस्सी, पेले हों या गारींचा, रोनाल्डो हों या रोनाल्डिन्हो, सभी ने मानो फुटबॉल के मैदान को अपना कोई संगीत उपकरण माना और उस पर एक से एक खूबसूरत साज रचे। ज़ीको, सोक्रातीज़, रिवाल्डो, क्रेस्पो, फोरलान, पाब्लो ऐमार, हुआन रोमान रिकिल्मे, सुआरेज़ आदि न जाने कितने जादूगर हैं, जो दक्षिण अमेरिका ने विश्व को तोहफे स्वरूप प्रदान किए।

जब-जब भी यह खिलाड़ी विश्व भर में कहीं भी किसी भी मैदान में अपने फुटबॉल शूज़ पहने उतरते, मजाल है कि दर्शकों की नजर उनसे हट जाए। उन्हें सदैव सम्पूर्ण विश्व का प्रेम मिला। यहाँ सबसे बड़ी बात है कि यह सभी खिलाड़ी अपने कस्बों की गली मोहल्लों में फुटबॉल खेलते हुए बड़े हुए।

हालाँकि, जब से फुटबॉल एक बड़ा बाजार बनकर उभरा है, फुटबॉल से उसका जादू छिनता जा रहा है। आप पाएंगे कि इस सदी में अब तक सिर्फ दो दक्षिण अमेरिकी टीमें विश्वकप के फाइनल में जगह बना सकी हैं, अफसोस जीती कोई भी नहीं।

फुटबॉल के बाजारीकरण का उस पर यह दुष्प्रभाव पड़ा कि फुटबॉल से धीमे-धीमे उसका जादू छिनता चला गया। अब आपको छोटी उम्र से यही सिखाया जाता है कि जल्द से जल्द गेंद को विपक्षी गोलपोस्ट के आस-पास पहुँचाओ और जरूरी बढ़त लो। फुटबॉल को अब गोल स्कोरर्स की ज्यादा जरूरत मालूम पड़ती है। गोल स्कोरर्स ही अब फुटबॉल के पोस्टर बॉएज़ बन गए हैं।

इस सबके बीच यह बताना जरूरी हो जाता है कि मेस्सी, रोनाल्डो से बढ़कर भी फुटबॉल है। मेस्सी व रोनाल्डो के अलावा भी एक ऐसा खिलाड़ी हैं, जिसके लिए यह आखिरी विश्व कप है। एक ऐसा खिलाड़ी जिसे सारी दुनिया खेल का महानतम राइट बैक मानती है। एक ऐसा खिलाड़ी जिसके खेल में ऐसी खूबसूरती है कि मेस्सी व नेमार जैसे खिलाड़ी भी उनको खेलता देख मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। वह खिलाड़ी है 39 वर्षीय दानी आलवेज़।

दानी आलवेज़ का खेल कविता है। दानी आलवेज़ का खेल बेहद ही नैसर्गिक है। उसमें अपना एक सौंदर्य है। उनके जादू की काट दुनिया भर में कभी भी किसी के भी पास नहीं रही। बार्सिलोना के अपने दिनों में वो डिफेंसिव लाइन में खेलते हुए क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे खिलाड़ी को भी खामोश रखते थे। दानी आलवेज़ ने जब पाया था कि उनके क्लब में उनके एक फ्रेंच साथी लंग कैंसर से पीड़ित हैं तो उन्होंने अपना करियर दाँव पर रख अपने साथी खिलाड़ी को अपना लंग डोनेट करने की पेशकश की थी। दानी ‘द गुड क्रैज़ी’ आलवेज़ से जुड़े और भी न जाने कितने किस्से हैं।

ब्राज़ील की सड़कों में पले बड़े दानी ‘द गुड क्रैज़ी’ आलवेज़ के करियर के अन्तिम सालों के साथ फुटबॉल का एक बहुत बड़ा अध्याय भी समाप्त होने को है। फुटबॉल अब अपनी खूबसूरती खो रहा है। जरूरी है कि हम अपने बच्चों को फुटबॉल थमाएँ, जीतने हेतु नहीं अपितु अपने जीवन में रंग भरने हेतु।

फुटबॉल स्वयं में एक दर्शन है, जो हमें समानता का सिद्धांत सिखाता है। फुटबॉल में है सूफियाना नफासत जो हमें तमाम दुखों के बावजूद जीवन जीने की कला सिखाती है। फुटबॉल जोगा बोनीतो अर्थात ‘द ब्यूटीफुल गेम’ है। इसलिए जरूरी है कि हम ऐसे अदभुत खिलाड़ियों को न सिर्फ सम्मान दें बल्कि सदैव उनकी मीठी यादों को अपने दिल में संजोकर रखें।

“It is not true that people stop pursuing dreams because they grow old, they grow old because they stop pursuing dreams.” – Gabriel García Márquez

Author

  • गौरव शर्मा
    गौरव शर्मा

    A football lover; a cule, a solivagant, writer at heart, lives in his own fictitious world, a boy from garhwal hills, Works for Govt. of India.

    View all posts

Share. Facebook Twitter LinkedIn Email
गौरव शर्मा
  • Facebook

A football lover; a cule, a solivagant, writer at heart, lives in his own fictitious world, a boy from garhwal hills, Works for Govt. of India.

Related Posts

बीआरएस ने लोकतंत्र को बनाया लूटतंत्र; तेलंगाना में प्रधानमंत्री मोदी का विपक्ष पर वार

October 3, 2023

न्यूज़क्लिक पर प्रशासनिक कार्रवाई से क्यों बौखलाया विपक्ष

October 3, 2023

हिंदुओं को बांटकर देश को बांटना चाहती है कांग्रेस; जातिगत सर्वे पर प्रधानमंत्री मोदी का पलटवार

October 3, 2023

मनोज झा का समाजवाद प्रेम हिंदू विरोधी एजेंडे का ही हिस्सा है

October 3, 2023

अभिसार शर्मा समेत न्यूजक्लिक के कई पत्रकारों के अड्डों पर दिल्ली पुलिस का छापा, 100 से अधिक पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बल हैं तैनात

October 3, 2023

बिहार: जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी, शुरू हुई ‘हिस्सेदारी’ की बहस

October 2, 2023
Add A Comment

Leave A Reply Cancel Reply

Don't Miss
प्रमुख खबर

बीआरएस ने लोकतंत्र को बनाया लूटतंत्र; तेलंगाना में प्रधानमंत्री मोदी का विपक्ष पर वार

October 3, 20232 Views

तेलंगाना में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीआरएस ने लोकतंत्र को लूटतंत्र बना दिया है।

न्यूज़क्लिक पर प्रशासनिक कार्रवाई से क्यों बौखलाया विपक्ष

October 3, 2023

हिंदुओं को बांटकर देश को बांटना चाहती है कांग्रेस; जातिगत सर्वे पर प्रधानमंत्री मोदी का पलटवार

October 3, 2023

मनोज झा का समाजवाद प्रेम हिंदू विरोधी एजेंडे का ही हिस्सा है

October 3, 2023
Our Picks

बीआरएस ने लोकतंत्र को बनाया लूटतंत्र; तेलंगाना में प्रधानमंत्री मोदी का विपक्ष पर वार

October 3, 2023

हिंदुओं को बांटकर देश को बांटना चाहती है कांग्रेस; जातिगत सर्वे पर प्रधानमंत्री मोदी का पलटवार

October 3, 2023

मनोज झा का समाजवाद प्रेम हिंदू विरोधी एजेंडे का ही हिस्सा है

October 3, 2023

बिहार: जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी, शुरू हुई ‘हिस्सेदारी’ की बहस

October 2, 2023
Stay In Touch
  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram
  • YouTube

हमसे सम्पर्क करें:
contact@thepamphlet.in

Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
  • About Us
  • Contact Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • लोकप्रिय
  • नवीनतम
  • वीडियो
  • विमर्श
  • राजनीति
  • मीडिया पंचनामा
  • साहित्य
  • आर्थिकी
  • घुमक्कड़ी
  • दुनिया
  • विविध
  • व्यंग्य
© कॉपीराइट 2022-23 द पैम्फ़लेट । सभी अधिकार सुरक्षित हैं। Developed By North Rose Technologies

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.