झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) से मिले समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अगस्त 24, 2023 को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुख्यमंत्री सोरेन को जांच में शामिल होने के लिए कहा था। हालांकि सोरेन ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे।
इससे पहले अगस्त 14, 2023 को ईडी ने सोरेन को कथित भूमि घोटाला मामले में तलब किया था। उस समय भी सोरेन ने स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी का हवाला देकर जांच में शामिल होने में असमर्थता जता दी थी। साथ ही सोरेन का कहना है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां उन्हें निशाना बना रही हैं क्योंकि वह केंद्र सरकार के साथ मिले हुए नहीं हैं।
मुख्यमंत्री सोरेन का दावा है कि उन्होंने वर्ष, 2020 में अपने पिता शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल द्वारा निर्देशित जांच में अपनी चल और अचल संपत्ति का विवरण सीबीआई को प्रदान किया था। ईडी यह विवरण सीबीआई से प्राप्त कर सकता है।
वहीं, ईडी द्वारा मुख्यमंत्री सोरेन को तलब करने के बाद कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने केंद्रीय एजेंसी पर राज्य की विकासशील छवि को बदनाम करने के लिए साचिश रचने का आरोप लगाया है। राकेश सिन्हा का कहना है कि राज्य के विकास को बदनाम करने के लिए ईडी ने सुनियोजित साजिश रची है। जब से राज्य में महागठबंधन का गठन हुआ है, तब से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य के कुछ प्रशासनिक अधिकारी लगातार ईडी द्वारा परेशान किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम कोर्ट की मदद लेंगे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में ईडी ने कथित शराब घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और ओएसडी के मनीष बंछोर एवं आशीष वर्मा के आवासों पर भी छाप मारा था। इस कार्रवाई में दुर्ग के एक व्यापारी के ठिकानों की तलाशी ली गई थी।
इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह पर तंज कसा था। साथ ही कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भ्रष्टाचार की जांच के लिए की गई कार्रवाई की आलोचना कर कहा था कि सिर्फ बीजेपी ही मुख्यमंत्री के जन्मदिन के दिन उन्हें शर्मसार करने वाला काम कर सकती है।
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