बिहार की राजनीति में उपेंद्र कुशवाहा पिछले कुछ समय से चर्चा का विषय बने हुए हैं। हाल ही में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलों को नकार दिया है। साथ ही उन्होंने इन अटकलों को अफवाह करार दिया है।
दरअसल, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष कुशवाहा स्वास्थ्य समस्या को लेकर दिल्ली के एम्स में भर्ती थे, जहाँ उनसे मिलने के लिए कई नेता आए थे। हालाँकि इस दौरान बीजेपी के तीन बड़े नेता उनसे मिलने पहुँचे तो राजनीतिक गलियारों में कुशवाहा के बीजेपी में शामिल होने को लेकर चर्चाएं तेज हो गई। कुशवाह के अपनी पार्टी जदयू से मन-मुटाव की खबरें पहले ही फैले हुई थी। ऐसे में बीजेपी नेताओं का उनसे संपर्क करना चर्चा का विषय बन गया।
हालाँकि, जदयू नेता ने इन अफवाहों को नकारते हुए कहा, “भाजपा नेता से मिलने का यह मतलब नहीं है कि मैं भाजपा में शामिल हो रहा हूँ। यह निराधार अफवाहें हैं। मैं उनसे अस्पताल में मिला इसका राजनीतिकरण नहीं करें। मैं जदयू में हूँ और जदयू कमजोर हो रहा है, इसे एक रखने के लिए मैं लगातार काम करता रहूँगा।”
वहीं, इस दौरान कुशवाहा ने कहा कि कई जदयू नेता भाजपा के संपर्क में है। अगर आप उन्हें सार्वजनिक रूप से पूछेंगे तो वे भाजपा के खिलाफ बयान देंगे लेकिन व्यक्तिगत रूप से पूछेंगे तो उनके द्वारा भाजपा के प्रति सकारात्मक रूख सामने आएगा।
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उल्लेखनीय है कि कुशवाहा द्वारा पार्टी छोड़ने की बात ने इसलिए भी जोर पकड़ा है क्योंकि पार्टी के साथ उनकी अनबन अक्सर सामने आती रहती है।
कुशवाहा के पार्टी छोड़ने अफवाहों पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार का बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह दो-तीन बार पार्टी छोड़ कर गए हैं और फिर आए हैं। उनकी क्या इच्छा है हमको तो नहीं मालूम है। हम उनके हालचाल ले लेंगे। अगर बीजेपी से उनकी नजदीकियां हैं तो हमें उसके बारें में नहीं पता। जब उनका स्वास्थ्य ठीक हो जाएगा तो उनसे बात करेंगे।
इस पर कुशवाहा ने भी पलटवार कर नीतिश कुमार को कहा कि मैं दो या तीन पार्टी छोड़कर वापस यहाँ शामिल हुआ तो चर्चा का विषय बन गया, लेकिन पूरी पार्टी का क्या हुआ जिसने बीजेपी के साथ गठबंधन किया और दो-तीन बार इसे तोड़ दिया।
पूरे मामले में उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी में शामिल होने की खबरों को भले ही नकार दिया हो, लेकिन अफवाहें अभी भी कमजोर नहीं हुई है। इसका कारण है कि पिछले कुछ समय से कुशवाहा अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के साथ से ही कुशवाहा को कोई मंत्री पद नहीं मिला है। कैबिनेट विस्तार में उन्हें डिप्टी सीएम बनाए जाने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा भी कुछ हो नहीं पाया है।
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वहीं, दूसरी और भाजपा के गठबंधन वाली सरकार में कुशवाहा के पास मंत्री पद था। अब दिल्ली एम्स में पूर्व विधायक रंजन पटेल, संजय सिंह टाइगर एवं योगेंद्र पासवान द्वारा मुलाकात के कदम को बीजेपी द्वारा कुशवाहा के लिए दरवाजे खोलने की तरह देखा जा रहा है।बीजेपी ऐसे संकेत देती रही है कि अगर कुशवाहा पार्टी में आना चाहे तो उनका स्वागत है। हालाँकि फिलहाल के लिए तो कुशवाहा ने इन अटकलों को नकार दिया है।