आगामी चुनाव से पहले एनडीए अपना कुनबा मजबूत करने में जुटा है। इसी कड़ी में आज शुक्रवार को JDS (जनता दल सेक्युलर) NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक दल) में शामिल हो गई। दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी की मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद गठबंधन की घोषणा की गई।
मुलाकात के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर लिखा, “कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जद(एस) नेता एचडी कुमारस्वामी से मुलाकात की। कुमारस्वामी की पार्टी ने हमारे वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा बनने का फैसला किया है। हम एनडीए में उनका तहे दिल से स्वागत करते हैं। यह एनडीए और प्रधानमंत्री मोदी के “न्यू इंडिया, स्ट्रॉन्ग इंडिया” के दृष्टिकोण को और मजबूत करेगा।”
#WATCH | Former Karnataka CM and JDS leader HD Kumaraswamy meets Union Home Minister Amit Shah in Delhi. JDS to formally join the National Democratic Alliance (NDA).
— ANI (@ANI) September 22, 2023
BJP President JP Nadda and Goa CM Pramod Sawant are also present during the meeting. pic.twitter.com/7SpdnoWFSJ
बताया जा रहा है कि इस बैठक के दौरान कर्नाटक में सीट शेयरिंग को लेकर भी चर्चा हुई। फ़िलहाल इसका ब्योरा अभी सामने नहीं आया है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2018 के कर्णाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एवं जेडीएस ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया था। वहीं, हालिया विधानसभा चुनाव में JDS ने 19 सीटें जीती थीं और पार्टी को 13.29% वोट मिले थे। पिछले लोकसभा चुनाव में जेडीएस को 9.67% वोट मिले थे।
गठबंधन से क्या हो सकता है फायदा?
कर्नाटक की जनसंख्या में करीब 17 प्रतिशत जनसंख्या लिंगायत समुदाय की है जो बीजेपी का कैडर वोटर माना जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी लिंगायत समुदाय से ही आते हैं।
वहीं, लिंगायत के बाद वोक्कालिगा समुदाय कर्नाटक का दूसरा सबसे प्रभावशाली समाज है जिसकी जनसंख्या 15 प्रतिशत है और परंपरागत रूप से वोक्कालिगा JDS का कैडर वोटर माना जाता है। JDS चीफ एचडी देवगौड़ा खुद भी वोक्कालिगा समुदाय से ही आते हैं। ऐसे में सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों के लिहाज से कर्नाटक में NDA की जमीन को मजबूती मिल सकती है।
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