जापानी मीडिया कंपनी निक्कई एशिया का कहना है कि वर्ष 2023 भारत के नाम रहने वाला है। निक्कई एशिया द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वैश्विक स्तर पर उभरते भारत की तस्वीर की खुलकर प्रशंसा की है। जापानी संस्था के प्रधान संपादक शिगेसाबुरो ओकमुरा ने एक लेख के जरिए भारत की नीतियों की प्रशंसा की। साथ ही, लिखा की भारत को 2023 में दुनिया में तीसरे ध्रुव के रूप में उभरने के लिए याद किया जाएगा।
अपने लेख के जरिए ओकमुरा ने भारत की स्वतंत्र कूटनीटि को ही देश की ताकत बताया है। उन्होंने लिखा कि भारत क्वाड का सदस्य है इसलिए अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ युद्ध अभ्यास करता है। वहीं इसके साथ ही वह रूस के साथ भी सैन्य अभ्यास करता है और उससे सैन्य हथियार और तेल का आयात भी करता है। देश की कूटनीति की सराहना करते हुए ओकमुरा ने कहा कि भारत का चीन के साथ सीमा विवाद चल रहा है लेकिन वह ब्रिक्स का भी सम्मान करता है।
निक्कई एशिया ने अपने लेख में भारत के तीसरा ध्रुव बनने की कारण गिनाए हैं। लेख के अनुसार, भारत 2023 में G20 की अध्यक्षता कर रहा है। इसकी अध्यक्षता करने को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत की G20 की अध्यक्षता समग्र मानवता के कल्याण की दिशा में काम करेगी। G20 की अध्यक्षता से भारत विश्व को ये संदेश देगा कि देश हमेशा सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने में यकीन रखता है। इसलिए G20 की थीम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ सभी को साथ लेकर चलने की भावना से प्रेरित है।
निक्कई ने लिखा कि भारत के महत्वपूर्ण रहने का दूसरा कारण है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा भारत के कहने पर वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (IYOM) घोषित किया गया है। पीएम मोदी द्वारा भी भारत को बाजरा के लिए ‘वैश्विक केंद्र’ के रूप में स्थापित करने के साथ-साथ इसे जन-आंदोलन बनाने की बात की गई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के जरिए भारत मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देगा जिसका फायदा छोटे किसानों और उद्यमियों की आय में बढ़ोतरी के साथ देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
वहीं, इनके अलावा भी भारत द्वारा त्रिपक्षीय आयोग के पूर्ण सत्र की मेजबानी की जाएगी। इन सभी कारणों से स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी दावेदारी को और भी मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।
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बता दें कि भारत की स्वतंत्र नीतियों और स्पष्ट निर्णयों ने हाल के दिनों में वैश्विक स्तर पर देश को नई मजबूत पहचान प्रदान की है। यही कारण है कि कई मौकों पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा प्रधानमंत्री मोदी एवं देश के निर्णयों की सराहना की गई है। कुछ माह पूर्व पीएम मोदी एवं पुतिन की उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई वार्ता को अमेरीकी मीडिया ने प्रमुखता से कवर किया था। इसी वार्ता के वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ‘ये युद्ध का समय नहीं है’। इस बयान को अमेरीका सहित अंतरराष्ट्रीय अखबारों और मीडिया द्वारा व्यापक स्तर पर दिखाया गया था।
विश्व में भारत की मजबूत स्थिति का ही परिणाम है कि गुजरात चुनावों की कवरेज वैश्विक मीडिया द्वारा प्रमुखता से दिखाया गया। द स्ट्रेट्स टाइन ऑफ सिंगापुर, निक्केई एशिया, अल जजीरा, इंडिपेडेंट, एबीसी न्यूज सहित कई अंतरराष्ट्रीय चैनलों पर गुजरात चुनाव परिणामों को जगह दी गई थी। इससे पहले विश्व के सबसे प्रभाशाली नेताओं की सूची में भारतीय प्रधानमंत्री सर्वोच्च स्थान पर रहे थे।