शुक्रवार (25 नवम्बर, 2022) के दिन जम्मू-कश्मीर की अन्तिम मतदाता सूची जारी की गई है। इस नई सूची में कुल मतदाताओं की संख्या 75,86,899 से बढ़कर 83,59,771 हो गई है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए रिकॉर्ड 11,40,768 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 11,28,672 आवेदन स्वीकार किए गए।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पंजीकृत मतदाताओं की वृद्धि 10.19% रही है। जम्मू-कश्मीर के इतिहास में पहली बार एक विशेष अवधि के दौरान मतदाता सूची में 11 लाख से अधिक नाम शामिल किए गए हैं।
सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार इस अन्तिम मतदाता सूची में लिंगानुपात में भी 27 अंकों की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जो अब 948 हो गई है। मतदाता सूची में फोटो कवरेज को 99.99% तक बनाए रखा गया है। इसमें सुनिश्चित किया गया कि सूची में उचित तस्वीर के बिना कोई भी नई प्रविष्टि न हो।
इस मतदाता सूची में बड़ा बदलाव यह हुआ है कि अब जम्मू-कश्मीर में रहने वाले वाल्मीकि, गुरखा और पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी समुदाय के सभी नागरिक भी मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं।
इनके लिए मतदान का यह पहला मौका होगा। अनुच्छेद 370 रहते हुए अलग-अलग मतदाता सूचियाँ बनाई जाती थी। विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची में सिर्फ जम्मू-कश्मीर के मूल निवासी ही शामिल किए जाते थे।
वाल्मीकि, गुरखा और पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी समुदाय इसलिए सूची में शामिल नहीं हो पाते थे, क्योंकि वे राज्य सूची में शामिल विषय का हिस्सा नहीं थे।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब प्रदेश में एक ही मतदाता सूची का नियम लागू है और इस सूची में वाल्मीकि, गुरखा और पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को नियमानुसार शामिल किया गया है।
इससे पूर्व मतदाता सूची को लेकर जम्मू-कश्मीर की राजनीति में उबाल आ गया था। क्षेत्रीय दलों द्वारा भाजपा पर स्थानीय डेमोग्राफ़ी को बदलने के आरोप लगाए थे। राज्य के राजनीतिक दलों का कहना था कि भाजपा कश्मीर में बाहरी लोगों को मतदाता बना रही है।
राजनीतिक दलों ने क्या कहा?
वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ निर्मल सिंह ने कहा, आज उन लोगों के मुंह पर ताला लग गया होगा, जो भाजपा पर यहाँ मतदाता सूची में गड़बड़ी करने का आरोप लगा रहे थे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कॉन्ग्रेस, पैंथर्स पार्टी, आम आदमी पार्टी यह सिर्फ लोगों में भ्रम पैदा करने के लिए, उन्हें डराने के लिए, यहाँ हालात बिगाड़ने के लिए मतदाता सूची में गड़बड़ी किए जाने की अफवाह फैला रहे थे।
नेशनल कॉन्फ्रेस के तनवीर सादिक ने कहा कि हम अभी इस मतदाता सूची का आकलन करेंगे, उसके बाद ही इस पर कोई अंतिम राय दे सकेंगे।
तनवीर का मानना है कि इस पूरे विवाद के लिए प्रशासन ही जिम्मेदार है, क्योंकि निर्वाचन अधिकारी ने कहा था कि 25 लाख नए मतदाता शामिल किए जाएंगे। इसके बाद जिला उपायुक्त जम्मू ने एक आदेश जारी कर तहसीलदार को अधिकार दिया कि वह किसी भी व्यक्ति को निवास प्रमाण-पत्र दे सकता है, जिसके आधार पर संबंधित व्यक्ति खुद को मतदाता के रूप में पंजीकृत करा सकता है।
इससे पूर्व देश के गृहमंत्री ने अपने कश्मीर दौरे में कहा था कि मतदाता सूची तैयार होने के बाद राज्य में चुनाव कराए जाएंगे। इस मतदाता सूची के आने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावनाओं को भी बल मिला गया है।