डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (DAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से जम्मू कश्मीर में हो रहे भूमि निष्कासन के मुद्दों पर विचार करने का आह्वान किया है।
दरअसल, वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में नया भूमि अनुदान नियम-2022 लागू किया गया है। इसके तहत आवासीय पट्टेदारों को छोड़कर अन्य सभी मौजूदा पट्टेदारों को जमीन का वह हिस्सा वापस सरकार को सौंपना होगा जो पट्टे पर ली गई थी। यदि कोई ऐसा नहीं करता है तो उसे बेदखल कर दिया जाएगा। सरकार के इस फ़ैसले का जम्मू कश्मीर में बड़े स्तर पर विरोध हो रहा है।
इसके चलते डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी ने जानकारी देते हुए बताया कि गुलाम नबी आजाद ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर के जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा जारी एंटी-एंक्रोचमेंट ड्राइव के बारे में उन्हें अवगत कराया, जिसमें सभी उपायुक्तों को राज्य की भूमि पर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था। उनके अनुसार सरकार के इस कदम के बाद से जनता में ‘गंभीर अशांति और अनिश्चितता’ फैल गई है।
जम्मू के विभिन्न क्षेत्रों में जारी अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत लगभग 23,000 हेक्टेयर राज्य और ‘कचराई’ भूमि पर से अवैध कब्जा हटाकर उसे पुनः प्राप्त किया गया था। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने ट्वीटर के जरिए ये जानकारी दी कि उन्होंने अमित शाह से मुलाकात कर जम्मू कश्मीर की स्थिति से अवगत करवाया है, जिस पर अमित शाह ने मकान बनाने वाले छोटे जमींदारों पर आंच न आने का आश्वासन दिया है।
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वहीं, डीएपी अध्यक्ष ने कहा कि गृहमंत्री को सूचित किया गया है कि बीते कुछ दशकों में जिन लोगों ने छोटी भूमि का अधिग्रहण किया है उनमें से अधिकांश लोग या तो प्रवासी हैं या उग्रवाद के शिकार है। साथ ही सीमावर्ती राज्य होने के कारण समय-समय पर होने वाली असामान्य परिस्थितियों के शिकार भी हैं।
डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के बयान के अनुसार गुलाम नबी आजाद ने मामले की जानकारी एलजी मनोज सिन्हा को भी दी है। इस पर उप राज्यपाल द्वारा समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया गया है।