भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिजी के नाडी में आयोजित हुए 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में दुनियाभर में हिंदी भाषा के प्रसार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि; विश्व हिंदी सम्मेलन जैसे आयोजनों में यह स्वाभाविक है कि हमारा ध्यान हिंदी भाषा के विभिन्न पहलुओं, इसके वैश्विक उपयोग एवं इसके प्रसार पर होना चाहिए। इस सम्मेलन में हम फिजी, प्रशांत क्षेत्र और अन्य सम्बंधित देशों में हिंदी की स्थिति जैसे विषयों पर विचार साझा करेंगे।
एस जयशंकर ने इस दौरान कहा कि पश्चिमी भाषाओं एवं परंपराओं की नकल करने का युग समाप्त हो गया है। वह युग जब हमने पश्चिमीकरण के साथ प्रगति और आधुनिकता की तुलना की थी। औपनिवेशिक युग की दमनकारी नीतियों पर प्रकाश डालते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि वर्तमान में औपनिवेशिक युग के दौरान दबाई गई कई भाषाएं और परंपराएं फिर से वैश्विक मंच पर अपनी आवाज उठा रही हैं। उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ये आवश्यक है कि विश्व को सभी संस्कृतियों एवं समाजों के बारे में जानकारी हो।
ज्ञात हो कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार (15 फरवरी, 2023) को फिजी के नाडी में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए ये बातें कहीं। इस कार्यक्रम में फिजी के राष्ट्रपति रातू विलिमे मैवालीली कातोनिवेरे भी उपस्थित रहे।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन फिजी के नाडी में 15 से 17 फरवरी तक भारत और फिजी की सरकारों की सह-मेजबानी के साथ आयोजित किया जा रहा है। साथ ही, यह फिजी में विदेश मंत्री एस जयशंकर की पहली यात्रा भी है।
समारोह का उद्घाटन करते हुए एस जयशंकर ने नाडी में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के आयोजन करने के लिए फिजी सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि इस तरह के आयोजनों से दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंध और प्रगाढ़ होंगे। इस दौरान फिजी के राष्ट्रपति रातू ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि; यह मंच भारत के साथ फिजी के ऐतिहासिक और विशेष संबंधों की स्थायी ताकत का जश्न मनाने का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है।
फिजी के राष्ट्रपति ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि; यह मंच भारत के साथ फिजी के ऐतिहासिक एवं विशेष संबंधों का जश्न मनाने के लिए अनूठा मंच प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी बात मनोरंजन की हो तो फिजी के निवासी बॉलीवुड फिल्में देखना पसंद करते हैं। समारोह में एस जयशंकर एवं फिजी के राष्ट्रपति रातू ने साथ मिलकर एक डाक टिकट भी जारी किया। साथ ही 6 पुस्तकों का विमोचन भी किया।
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उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय फिजी सरकार के सहयोग से 15-17 फरवरी, 2023 तक विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसकी थीम इस बार ‘हिंदी – पारंपरिक ज्ञान से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ रखी गई है। इस सम्मेलन में हिंदी भाषा के विकास के साथ अनेक प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। साथ ही सम्मेलन के दौरान भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन आयोजित करने का भी प्रस्ताव है।
परंपरा के अनुसार भारत एवं अन्य देशों में काम कर रहे हिंदी के विद्वानों को इस क्षेत्र में उनके योगदान के लिए ‘विश्व हिंदी सम्मान’ से नवाजा जाएगा। इससे पहले विश्व हिंदी सम्मेलन के 11वें संस्करण का आयोजन वर्ष 2018 में मॉरीशस में किया गया था। वहीं पर 12वें सत्र के आयोजन के लिए फिजी की सिफारिश की गई थी।