आयकर विभाग द्वारा बृहस्पतिवार (अक्टूबर 5, 2023) को चेन्नई में डीएमके सांसद एस जगतरक्षकन के 40 से अधिक परिसरों पर जांच कार्रवाई शुरू की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ शैक्षणिक संस्थानों सहित कई स्थानों की तलाशी ली जा रही है।
ज्ञात हो कि जगतरक्षकन लोकसभा में अराकोणम का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल थे। तत्कालीन समय उनके पास सूचना एवं प्रसारण नवीनकरणीय ऊर्जा और वाणिज्य एवं उद्योग सहित महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी थी।
इससे पहले वर्ष, 2017 में प्रवर्तन निदेशालय ने जगतरक्षकन और उनके बेटे संदीप आनंद पर 2017 में सिंगापुर स्थित सिल्वर पार्क इंटरनेशनल पीटीई लिमिटेड नामक कंपनी के 90 लाख शेयर खरीदने का आरोप लगाया था। वहीं, 2020 में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित उल्लंघन के लिए 89 करोड़ रुपए की संपत्ति भी जब्त की थी।
ईडी द्वारा फेमा के तहत ही एस जगतरक्षकन और उनके परिवारजनों की 89.19 करोड़ रुपए की संपत्तियों का जब्त करने का आदेश दिया था, जो कि सिंगापुर स्थित कंपनी में अवैध रूप से अर्जित करके रखी गई और हस्तांतरित विदेशी सुरक्षा के मूल्य के बराबर थी। इनके अलावा भी एजेंसी ने बताया था कि इन अनधिकृत अर्जित शेयरों को जगतरक्षकन ने फेमा नियमों का उल्लंघन करके अपने परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दिया था।
गौरतलब है कि डीएमके सरकार के कई मंत्री और नेता प्रवर्तन निदेशालय सहित जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। प्रवर्तन विभाग द्वारा बीते कुछ वर्षों में लगातार भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में छापेमारी की जा रही है। इससे पहले ईडी द्वारा डीएमके सरकार में मंत्री सेंथिल बालाजी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। सेंथिल बालाजी पर रोजगार दिलाने में रिश्वत लेने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारा था।
पश्चिम बंगाल में ईडी की कार्रवाई
तमिलनाडु में आयकर विभाग की कार्रवाई के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल में नागरिक निकायों द्वारा की गई भर्तियों में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रथिन घोष के ठिकानों पर छापेमारी की। जांचकर्ता इस पूरे मामलें में 12 से अधिक स्थानों पर तलाशी ले रहे हैं।
ज्ञात हो कि घोष मध्यमग्राम से टीएमसी विधायक है और इससे पहले वो यहां कि नगर पालिका के पदाधिकारी रह चुके हैं। उनपर 2014 से 2018 के बीच पश्चिम बंगाल के विभिन्न नागरिकों द्वारा पैसे के बदले लगभग 1500 लोगों को अवैध रूप से भर्ती करवाने का आरोप है।
इसके साथ ही ईडी द्वारा 9 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को अधिकारियों के समक्ष पेश होने के लिए बुलाया है। साथ ही अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा को 11 अक्टूबर के दिन पूछताछ के लिए बुलाया गया है। ज्ञात हो कि ईडी इसी मामले टीएमसी नेता के माता-पिता अमित और लता बनर्जी को भी इस सप्ताह पूछताछ के लिए बुला चुकी है।
टीएमसी नेतृत्व और नेताओं द्वारा जांच एजेंसियों की कार्रवाई का विरोध किया जा रहा है। ईडी की कार्रवाई को लेकर टीएमसी नेता केंद्र पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाते रहे हैं।
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