प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 21-24 जून के बीच होने जा रही अमेरिकी यात्रा के दौरान जहाँ भारत और अमेरिका संबंधों में नया युग प्रारम्भ होने जा रहा है तो वहीं ISI समर्थित समूहों ने इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करने की ठानी है। लगातार भारत के विरुद्ध प्रपंच और षड्यंत्र फैलाने वाले समूह अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में 22 जून को प्रधानमंत्री के विरुद्ध प्रदर्शन करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के विरुद्ध प्रदर्शन करने वाले प्रमुख समूहों का नाम इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC), बेथेस्डा अफ्रीकन सेमेट्री कोएलिशन और वेटरन्स फॉर पीस है। IAMC इससे पहले भी लगातार भारत विरोधी अभियान चलाता रहा है।
IAMC के कई सदस्यों के ISI और मुल्सिम ब्रदरहुड से लिंक भी सामने आ चुके हैं। IAMC के डायरेक्टर रशीद अहमद का सम्बन्ध एक अन्य संगठन IMANA से है जो कि लश्कर ए तैयबा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन से सम्बन्ध रखता आया हैं।
IMANA ने कोरोना महामारी के दौरान भारत में सहायता करने के नाम पर चंदा जुटाकर उसमें गड़बड़ी की थी। IAMC वर्ष 2013-14 में मानवाधिकार के मामले में भारत की छवि खराब करने के लिए 55,000 डॉलर रुपए लॉबीइंग के लिए भी दे चुका है। IAMC लगातार भारत के विरुद्ध ऐसी खबरें फैलाते आई है जिससे माहौल बिगड़े।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का विरोध करने वाला दूसरा संगठन बेथेस्डा अफ्रीकन सेमेट्री कोएलिशन अमेरिका में अफ़्रीकी समाज से जुड़े हुए कब्रिस्तान बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन करता रहता है। इस संगठन के प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में खड़ा होना काफी अजीब है। हालांकि, यह संगठन भी लिबरल और वामपंथी विचारधारा का समर्थन करता है।
इन संगठनों के अतिरिक्त एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वाच नाम के संगठनों ने भी प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दौरान विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया है। एमनेस्टी, हाल ही में कर्नाटक में गौहत्या का समर्थन करते हुए देखा गया था, इसने कॉन्ग्रेस सरकार से अपील की थी कि गौहत्या पर से प्रतिबन्ध हटाने की मांग की थी। एमनेस्टी को जॉर्ज सोरोस से लगातार फंडिंग मिली है।
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एमनेस्टी के अतिरिक्त दूसरा संगठन ह्यूमन राइट्स वाच भी लगातर जॉर्ज सोरोस से फंडिंग लेता रहा है, वर्ष 2010 में जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसायटी फाउंडेशन ने ह्यूमन राइट्स वाच को 100 मिलियन डॉलर का अनुदान दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति बायडेन से मिलने के अतिरिक्त अमेरिकी कॉन्ग्रेस को भी संबोधित करेंगे। उनके लिए बायडेन ने राजकीय रात्रिभोज भी रखा है। उनकी अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते होने की संभावना है। इन में लड़ाकू विमान के इंजन और सेमीकंडक्टर के भारत में निर्माण जैसे समझौते शामिल हैं।
IAMC ने बीते दिनों बायडेन प्रशासन से प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में दिए गए रात्रिभोज को रद्द करने की मांग भी की थी। IAMC से जुड़े लोगों राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के दौरान कार्यक्रमों के आयोजन में शामिल थे।