सब्जियों और मसालों की कीमतों में वृद्धि के बाद भी जून माह में महंगाई दर रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित लिमिट में रही है। जून माह के लिए जारी किए गए आंकड़े के अनुसार, देश में खुदरा महंगाई दर (CPI) 4.81% रही है। इसी दौरान खाद्य महंगाई दर 4.49% रही है। इससे पहले मई माह में खुदरा महंगाई दर 4.31% और खाद्य महंगाई दर २.९६% रही थी।
भले ही जून में महंगाई दर का स्तर पिछले माह के मुकाबले अधिक रहा हो लेकिन यह फिर भी जून 2022 से कहीं कम है। जून 2022 में देश में महंगाई दर 7.01% रही थी। इसी दौरान खाद्य महंगाई दर 7.75% थी। महंगाई दर का यह स्तर पिछले एक वर्ष में तीसरा सबसे निचला स्तर है। महंगाई का यह स्तर भारतीय रिजर्व बैंक की महंगाई सीमा (२%-6%) के अंदर है।
सांख्यिकी और योजना कार्यान्वन मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आँकड़ों के अनुसार जून माह में सब्जी, मसाले, मछली, अनाज और अंडे जैसे उत्पादों के मूल्यों में वृद्धि हुई है। इसी दौरान तेल और वसा, तैयार उत्पादों और मिठाइयों तथा कन्फैक्शनरी उत्पादों के मूल्यों में कमी देखी गई है। सब्जियों के मूल्यों में बड़ा बदलाव हुआ है। मई माह में सब्जियों के मूल्यों में -8.18% की मंदी थी जो कि जून माह में घट कर -0.93% ही रह गई।
इसी दौरान अनाजों की कीमतों में भी इजाफा देखने को मिला है। मई माह में अनाजों की कीमतों में 12.65% की तेजी थी जो कि जून में 12.71% हो गई। केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ने अपने स्तर से महंगाई दर को नियंत्रण में रखने के लिए सभी जरुरी कदम उठाए हैं परन्तु मानसून के शुरूआती दिनों में कमजोर रहने और बाद में इसकी वजह से कुछ हिस्सों में सप्लाई चेन बाधित होने के कारण कीमतें बढ़ी हैं।
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आगामी दिनों में महंगाई बढ़ने के अंदेशे के कारण ही रिजर्व बैंक ने जून माह की मौद्रिक नीति की बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। रिजर्व बैंक अभी भी पूर्व में ब्याज दरों को बढ़ाने के निर्णय के प्रभावों को जांच रही है। यदि एक या दो माह महंगाई और बढ़ती है तो रिजर्व बैंक ब्याज दरों को बढ़ाने पर भी विचार कर सकता है।
जहाँ रिजर्व बैंक बाजार में तरलता का प्रबन्धन करके महंगाई से लड़ने का प्रयास कर रहा है तो वहीँ केंद्र सरकार बाजार में कीमतों को स्थिर रखने के लिए आपूर्ति प्रबन्धन कर रही है। इसी कड़ी में बीते माह केंद्र सरकार ने अपने स्टॉक के चावल को राज्य सरकारों को बेचने पर रोक लगा दी थी। केंद्र सरकार ने यह चावल आम जनता में निजी विक्रेताओं के जरिए बेचने की योजना बनाई है जिससे कीमतें स्थिर रहें।
चावल के अतिरिक्त, गेंहू को लेकर भी केंद्र सरकार ने बड़ा स्टॉक बनाया हुआ है जिससे वह देश के गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा सके और साथ ही जरूरत पड़ने पर बाजार में कीमतों को नियंत्रित कर सके। मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़े के अनुसार, छतीसगढ़ में महंगाई सबसे निचले स्तर(०.70%) पर है जबकि बिहार(6.0%) में सर्वाधिक है।
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