पाकिस्तान की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। जहां एक ओर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी से पूरे देश में आगजनी और दंगे-फसाद की स्थिति बनी हुई है तो वहीं दूसरी ओर उसकी मुद्रा डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर है।
इन सब के बीच भी पाकिस्तान अपनी भारत विरोधी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान ने सिन्धु जल समझौते पर दायर किए गए मुकदमों पर खर्च के लिए 15.3 करोड़ पाकिस्तानी रुपए दिए हैं। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय आर्बिट्रेशन कोर्ट और निष्पक्ष विशेषज्ञ के खर्चे के लिए इस धनराशि की व्यवस्था की है।
इसके अतिरिक्त विदेश में नियुक्त किए जाने वाले वकीलों को भी इसी धनराशि से पैसा दिया जाएगा। विदेशों में पाकिस्तान का मुकदमा लड़ रही वकीलों की टीम ने लगभग 32 करोड़ डॉलर का बिल पाकिस्तान को भेजा है जिसे 60 दिनों के अंदर दिया जाना है। इनका भुगतान फंड की उपलब्धता ना होने कारण नहीं किया गया था।
पाकिस्तान, भारत द्वारा किशनगंगा परियोजना और रतले परियोजना को लेकर हवा हवाई दावे करता रहा है। इसी को लेकर उसने अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों में मुकदमे भी किए हुए हैं। दोनों देशों के बीच सिन्धु जल समझौता वर्ष 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुआ था।
सिन्धु जल समझौता दोनों देशों में बहने वाली नदियों के पानी के बंटवारे, उसके उपयोग और उससे परियोजनाएं बनाने को लेकर किया गया था। इस समझौते को लेकर भारत-पाकिस्तान दोनों जगह पर लम्बे समय से राजनीति होती आई है।
भारतीय जनता पार्टी कहती भी रही है कि पंडित नेहरू के शासनकाल में किए गए समझौते में भारत के हित दरकिनार कर दिए गए थे। हाल ही में भारत ने सिन्धु जल समझौते की शर्तों पर बातचीत के लिए पाकिस्तान को नोटिस भी भेजा था। पाकिस्तान जहाँ एक ओर करोड़ों रुपए भारत विरोधी गतिविधियों के लिए खर्च कर रहा है, वहीं उसकी अर्थव्यवस्था दिवालिया होने की कगार पर है।
पाकिस्तान की मुद्रा रुपया अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर है। देश में आर्थिक मामलों की खबर देने वाली वेबसाइट बिजनेस रिकॉर्डर के अनुसार, पाकिस्तानी रुपया इमरान खान के गिरफ्तार होने के 2 दिनों के भीतर लगभग 15 रुपए नीचे गिरकर प्रति एक डॉलर के मुकाबले 299 रुपए के स्तर पर पहुंच गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पूरे देश भर में हिंसा की वजह से इन्टरनेट और आर्थिक गतिविधियां और ज्यादा दिन बंद रहीं तो यह जल्द ही प्रति एक डॉलर के मुकाबले 300 का स्तर पार कर जाएगा। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी एक रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान जून के बाद दिवालिया हो सकता है।
इस बीच पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भण्डार में भी गिरावट देखी गई है। पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भण्डार में पिछले सप्ताह 74 मिलियन डॉलर की कमी आई है। वर्तमान में उसका विदेशी मुद्रा भण्डार 4.3 बिलियन डॉलर है। यह कमी कर्जों की अदायगी के बाद आई है।
पाकिस्तान को अभी आने वाले समय में लगभग 3.7 बिलियन डॉलर कर्जों की अदायगी करनी है। कई संस्थानों का कहना है कि अगर उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से सहायता नहीं मिलती है तो वह ये लोन नहीं चुका पाएगा। वैसे उसके वित्त मंत्रालय ने कहा है कि उसके पास जरूरी फंड है।
यह भी पढ़ें: सिन्धु जल समझौता: भारत से पानी छीनने का हुक्मनामा