मध्य प्रदेश का शहर इंदौर स्मार्ट सिटी बनने के बाद अब डिजिटल एड्रेस पाने वाला देश का पहला शहर बनने जा रहा है। इंदौर के हर व्यक्ति के पास अपना डिजिटल एड्रेस होगा, इसके लिए इंदौर स्मार्ट सिटी कंपनी ने शहर के ही स्टार्टअप ‘पता नेविगेशन प्रालि’ कंपनी के साथ एमओयू किया है।
- इंदौर डिजिटल एड्रेस पाने वाला देश का पहला शहर होगा।
- स्मार्ट सिटी कंपनी घर और प्रतिष्ठानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर नेविगेशन से जोड़ेगी।
- सार्वजनिक स्थल, विद्यालय, पुलिस थाने, अस्पताल इसका हिस्सा होंगे।
- इसमें ऑडियो रिकॉर्डिंग की भी सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे नेविगेशन ओर आसान हो जाएगा।
‘पता’ कंपनी एक ऐप भी तैयार करेगी, जो कि गूगल मैप का विकल्प होगा। इसमें एक यूनिक जियो कोड को प्रतिष्ठानों या स्थानों से टैग किया जाएगा, जिससे वो आसानी से मैप में मिल पाएंगे। पता ऐप के जरिए ही बैंक, इंश्योरेंस और टेलीकॉम का केवाईसी सत्यापन भी हो जाएगा। इस स्टार्टअप का एमओयू भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था (इसरो) के साथ भी हुआ है। जिसके तहत इसरो के मैप का उपयोग करके स्थानों की डिजिटल एड्रेसिंग की जाएगी।
एक अनुमान के मुताबिक देश को हर साल अव्यवस्थित और गलत एड्रेसिंग के कारण करीब 75 हजार करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है। डिजिटल एड्रेसिंग से लंबे चौड़े पते की नहीं सिर्फ एक कोड की जरूरत पड़ेगी, जिससे समय भी बचेगा और सुविधाएं भी बढ़ेंगीं।
- जियो टैग या डिजिटल एड्रेस ई -कॉमर्स कंपनियों को फायदा पहुँचाने वाला साबित होगा।
- दुर्घटना या आपदा के समय भी डिजिटल एड्रेसिंग सहायता को जल्दी पहुँचाने में मददगार साबित होगी।
पता नेविगेशन के अनुसार, एमओयू का फायदा किसानों को भी पहुँचेगा। ऐप ड्रोन तकनीक के लिए अधिक सहायक साबित होगा। डिजिटल कोड के जरिए ड्रोन समय से घरों में दवाइयों से लेकर आवश्यक सामग्री पहुँचा पाएँगे।
इससे पहले भारत सरकार भी पूरे देश को डिजिटल एड्रेसिंग से जोड़ने का प्रयास कर रही है। इसके अंतर्गत हर घर या संस्था का यूनिक कोड होगा, यह उस जमीन की पहचान होगा। इसके लिए गूगल मैप्स जैसी तकनीक पर काम किया जाएगा।