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दुनिया

भारत की बढ़ती ताकत से घबराया ब्रिटिश मीडिया, विश्व के ‘शक्ति संतुलन’ के लिए बताया खतरनाक

The Pamphlet StaffBy The Pamphlet StaffMarch 12, 2023No Comments4 Mins Read
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ब्रिटिश अखबार को बढ़ते भारत से समस्या
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ब्रिटिश समाचार पत्र द टेलीग्राफ (The Telegraph) ने एक लेख प्रकाशित किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत दुनिया के नाजुक शक्ति संतुलन को खतरा पैदा कर रही है। इस लेख का शीर्षक है “India’s rampaging rise threatens to tip world’s fragile balance of power” यानी “भारत की बढ़ती शक्ति विश्व के शक्ति संतुलन को पलटने का खतरा पैदा कर रही है।”

शीर्षक से 12 मार्च को प्रकाशित लेख में भारत और रूस के रिश्तों तथा भारत और पश्चिमी देशों के रिश्तों की बात की गई है।

द टेलीग्राफ में प्रकाशित लेख

टेलीग्राफ द्वारा प्रकाशित इस लेख में भारत का पश्चिमी दबाव में आए बिना अपने स्टैंड को यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर सामने रखने पर निशाना साधा गया है। लेख में लिखा गया है कि जहाँ चीन द्वारा रूस का समर्थन करने पर उसकी आलोचना होती आई है, वहीं भारत इससे अछूता रहा है।

लेख में फिर से एक बार भारत की रूस से तेल खरीद का प्रलाप किया गया है और कहा गया है कि युद्ध शुरू होने के बाद से भारत ने रूस से अपनी कच्चे तेल की खरीद को 33 गुना बढ़ा दिया है। जबकि सत्य यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण कच्चे तेल के दाम आसमान छूते आए हैं और इसके कारण भारत रूस से मिलने वाला सस्ता कच्चा तेल खरीद रहा है।

यह भी पढ़ें: ब्रिटिश उपनिवेशवाद: राष्ट्रों के लिए वरदान या अभिशाप?

एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत पर रूस से कच्चे तेल खरीदने का आरोप वाले पश्चमी देश स्वयं बड़ी मात्रा में रूस से युद्ध के बाद भी तेल और गैस खरीदते आए हैं। संस्था CREA की एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस से तेल और गैस खरीदने के मामले में चीन सबसे पहले नम्बर पर है जबकि यूरोपियन यूनियन दूसरे नम्बर पर।

अलग अलग देशों की रूस से ऊर्जा खरीददारी

भारत इस मामले में इन दोनों देशों के अतिरिक्त तुर्की से भी पीछे है। इस बात को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी कह चुके हैं कि जितना तेल भारत एक माह में रूस से खरीदता है उतना यूरोप एक शाम में खरीद लेता है।

द टेलीग्राफ में छपे लेख में भारत के मानव संसाधनों की बात की गई है और बताया गया है कि भारत के पास विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या होने के कारण वर्ष 2040 तक भारत में 23.5 करोड़ से अधिक लोग काम करने वाली आयु के होंगे, जो कि चीन से अधिक हैं। लेख में भारत के वर्ष 2027 तक भारत के विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की भी बात की गई है।

प्रधानमन्त्री मोदी के आने के बाद देश में बड़ी आर्थिक सुधार हुए हैं जिसका जिक्र लेख में किया गया है, इसमें भारत में हाइ-वे का वर्ष 2014 के बाद 50% बढ़ जाना, आने वाले समय में 75 वन्देभारत ट्रेनों का चलना और अर्थव्यवस्था का डिजिटिलीकरण शामिल है।

यह भी पढ़ें: ब्रिटिश सरकार को ‘नाजी’ बताने पर BBC ने अपने नामी पत्रकार को निकाला, ‘बोलने की आजादी’ पर उठे सवाल

हालांकि, लेख में अधिकाँश पश्चिमी मीडिया संस्थानों की तरह ही केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को मुस्लिमों के विरुद्ध चिंताएं बढ़ाने वाले बताया गया है। टेलीग्राफ ने कॉन्ग्रेस प्रवक्ता द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर दिए गए अशोभनीय बयान को ‘छोटी सी घटना’ बताया है।

द टेलीग्राफ के लेख में लिखा गया है कि अमेरिका और अन्य देशों को यदि अभी चीन का सामना करना है तो उन्हें इसमें भारत का साथ पाने के लिए उसके रूस के साथ रिश्तों को नजरंदाज करना होगा। भारत को अमेरिका और ब्रिटेन के लिए महत्पवूर्ण साथी बताया गया है और कहा गया है कि आज के समय में भारत को नजरअंदाज करना असम्भव है।

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