वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बीते शुक्रवार (अक्टूबर 14, 2022) को जारी एक रिपोर्ट में बताया कि चालू वित्त वर्ष के सितम्बर माह में भारत का कुल निर्यात 61.10 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहने का अनुमान है। जो सितम्बर 2021 की तुलना (55.42 बिलियन डॉलर) में 10.24% की वृद्धि दर्शाता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही यानी अप्रैल-सितम्बर 2022 में भारत का कुल निर्यात (वस्तुओं और सेवाओं को मिलाकर) 382.31 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में यह 21.03% की वृद्धि दर्शाता है। पिछले वर्ष की इस अवधि में भारत का कुल निर्यात 315.89 बिलियन डॉलर रहा था।
आयात की बात करें तो सितम्बर, 2022 में भारत का कुल आयात 76.26 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष (68.87 बिलियन डॉलर) की इसी अवधि की तुलना में 10.73% की वृद्धि दर्शाता है।
इसके अलावा, अप्रैल-सितम्बर 2022 में भारत का कुल आयात 469.47 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष (340.75 बिलियन डॉलर) की इसी अवधि की तुलना में 37.77% की वृद्धि दर्शाता है।
भारत ने सितम्बर, 2022 में इलेक्ट्रॉनिक सामान के निर्यात में सबसे अधिक 2009.07 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बढ़त हासिल की है। पिछले साल की इसी अवधि की तुलना (1168.11 मिलियन डॉलर) में 71.99% की वृद्धि देखने को मिली है।
40 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के भारतीय उत्पाद के निर्यात को देखने पर पता चलता है कि भारत ने तम्बाकू और पेट्रोलियम उत्पाद में पिछले साल, सितम्बर माह की तुलना में इस वर्ष सितम्बर माह में क्रमश: 62.16% और 43.01% की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
कृषि क्षेत्र के उत्पादों के निर्यात में भी सितम्बर, 2021 की तुलना में इस वित्त वर्ष में वृद्धि देखने को मिली है। आँकड़े बताते हैं कि तिलहन में 17.47%, कॉफी में 13.89%, फल-सब्जियों में 13.10%, चाय में 10.82%, मसालों में 6.62% और चावल में 1.63% की वृद्धि देखने को मिली है।
वर्ष 2019 और 2020 के सितम्बर माह के आँकड़ो को देखने पर पता चलता है कि भारत के (व्यापार और सेवाएं) निर्यात में साल दर साल सकारात्मक वृद्धि देखने को मिली है। आँकड़े बताते है कि साल 2019 के सितम्बर माह में भारत का कुल निर्यात 42.89 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। वहीं, साल 2020 में कुल 44.52 अमेरिकी डॉलर का निर्यात रहा था।
पिछले एक वर्ष में भारत ने निर्यात के कई क्षेत्रों में संतोषजनक वृद्धि की दर हासिल की है। इसके पीछे सरकार के व्यापार और वाणिज्य विभाग के प्रयासों का बड़ा हाथ है। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत खाद्य पदार्थों और अनाज के निर्यातक के रूप में उभर कर सामने आया है। वैश्विक व्यापार में भारत की निरन्तर बढ़ रही हिस्सेदारी, उत्पादन और गुणवत्ता को लेकर निरन्तर बढ़ रही उसकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।