चालू वित्त वर्ष में सरकार का प्रत्यक्ष कर संग्रह अभी तक अनुमान से अधिक हुआ है। अप्रैल 2022 से 15 दिसम्बर, 2022 तक व्यक्तिगत और कंपनियों से प्रत्यक्ष कर संग्रह ₹13.63 लाख करोड़ तक पहुँच गया है। यह आँकड़ा पिछले वित्त वर्ष की इसी समान अवधि में संग्रह हुए कर (Tax) से 26% अधिक है। इसी के साथ सरकार ने 2.27 लाख करोड़ रुपए के रिफंड भी करदाताओं को दिए।
यदि आँकड़ों पर नजर डालें तो निवल प्रत्यक्ष कर संग्रहण, ₹11.35 लाख करोड़ रहा। अनुमान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष करों से सरकार को ₹14.2 लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। ऐसे में नया आँकड़ा दर्शाता है कि अनुमानित आँकड़े का लगभग 80% संग्रहण पहले 8.5 माह में ही हो गया है।
वित्त मंत्रालय ने यह सभी आँकड़े 18 दिसम्बर की देर शाम को जारी किए। इस वर्ष अप्रत्यक्ष कर संग्रहण यानी GST संग्रहण भी अधिक हुआ है।
क्या कहते हैं कर संग्रह (Tax Collection) के आँकड़े?
सरकार द्वारा जारी आँकड़ो के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के अप्रैल माह से 15 दिसम्बर तक कुल ₹13.63 लाख करोड़ रूपए का प्रत्यक्ष कर संग्रह हुआ है। वहीं इसमें से ₹2.27 लाख करोड़ रिफंड के रूप में वापस करदाताओं को दिए गए हैं। यह आँकड़ा पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि से 25.9% अधिक है। पिछले वित्त वर्ष में इस दौरान 10.83 लाख करोड़ रुपए का कर संग्रह हुआ है।
इस प्रकार सरकार का सकल प्रत्यक्ष कर संग्रहण ₹11.35 लाख करोड़ रहा जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान संग्रहित किए गए प्रत्यक्ष कर से 19.8% अधिक है। इस प्रत्यक्ष कर संग्रहण में कॉर्पोरेट कर का हिस्सा 6.06 लाख करोड़ रुपए का है, जबकि निजी आयकर ₹5.26 लाख करोड़ रुपए रहा।
अभी बजट के कर अनुमानों के पूरा होने में 3.5 महीने बाकी हैं। ऐसे में इसकी पूरी आशा है कि सरकार के अनुमान से अधिक कर का संग्रह हो। इससे पहले चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ₹3.54 लाख करोड़ रुपए और दूसरी तिमाही में लगभग ₹5.44 लाख करोड़ का प्रत्यक्ष कर संग्रहण हुआ था।
आयकर विभाग के डिजिटलीकरण का मिल रहा है फायदा
सरकार द्वारा कर भरने के तरीके को सरल किए जाने और डिजिटलीकृत किए जाने का भी फायदा दिखाई दे रहा है। जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग 96.5% आयकर रिटर्न पर 17 दिसम्बर तक काम किया जा चुका है। वहीं प्रक्रिया के आसान होने से आयकर रिफंड में भी तेजी आई है।
पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसम्बर माह की अवधि के बीच, 1.35 लाख करोड़ रुपए के रिफंड जारी किए गए थे। चालू वित्त वर्ष में इसमें 109% की बढ़त हुई है। यह बढ़कर 2.27 लाख करोड़ पहुँच गया है।