जहाँ एक ओर पूरा विश्व महंगाई और ऊर्जा कीमतों की वजह से अस्थिरता की मार झेल रहा है, वहीं भारत की अर्थव्यवस्था लगातार तरक्की की तरफ है। पूरे विश्व के अर्थशास्त्री और आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ इसी की बात कर रहे हैं।
पिछले कुछ ही समय में विश्व के कई विद्वान भारत की आर्थिक नीतियों और तरक्की के बारे में बात कर चुके हैं। विश्व की बड़ी आर्थिक फर्म मैकिन्जी के CEO बॉब स्टर्नफेल्स ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि यह दशक नहीं, यह सदी ही भारत की है। उन्होंने यह बात लगातार बढ़ते भारत के संदर्भ में कही।
आस्ट्रेलियाई राजनीतिशास्त्री सल्वाटोर बबोंस भी भारत की लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ हो रही आर्थिक तरक्की के बारे में सरकार की तारीफ़ कर चुके हैं। बबोंस ने अपने एक लेख में भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को अद्भुत बताया और कहा कि भारत तब से लोकतंत्र है जब विश्व में मात्र कुछ ही देश लोकतंत्र थे।
दीपक पारेख इस कड़ी में नया नाम
HDFC बैंक के चेयरमैन दीपक पारेख इस कड़ी में नया नाम हैं। उन्होंने CNBC TV को दिए गए एक साक्षात्कार में बताया, “ मैं अपने से मिलने वाले हर आदमी और विदेशी निवेशकों से अब यह कहता हूँ कि मेरे 50 साल के अनुभव में मैं भारत की भविष्य में तरक्की को लेकर इतना ज्यादा आशावादी कभी नहीं हुआ।”
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत की साख के बारे में बात करते हुए बताया कि आज यह काफी ऊंचे स्तर पर है। दीपक पारेख ने प्रधानमंत्री की तारीफ़ करते हुए कहा कि उनमें वह राजनीतिक इच्छाशक्ति है जो भारत को तरक्की के के रास्ते पर ले जा सकती है।
पारेख ने आने वाले सालों में भारत की तरक्की के बारे में बात करते हुए यह भी बताया कि भारत आने वाले समय में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा। पारेख ने कहा कि पिछले तीस साल में भारत में 30 करोड़ से ज्यादा भारतीयों को गरीबी से बाहर निकला गया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।
पारेख 2008 में कॉन्ग्रेस सरकार के दौरान हाउसिंग समिति के चेयरमैन बनाए गए थे, इस समिति का लक्ष्य देश में गरीबों को घर उपलब्ध कराने के लिए नीतियों की रूपरेखा बनाना था। बाद में समिति में उनके द्वारा दी गई सलाह को ना माने जाने के कारण उन्होंने इस्तीफ़ा भी दे दिया था।
प्रधानमंत्री ने भी कहा – यह सदी है भारत की
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने भी इन्डियन मोबाइल कॉन्ग्रेस का उद्घाटन करते हुए यह बात कही कि अब तो विशेषज्ञ भी कहने लगे हैं कि यह सदी भारत की है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान भारत में 5G सेवाओं का शुभारम्भ किया और कहा कि आज जितनी कम कीमतें देश में डाटा की हैं, वह पहले से 30 गुना कम हैं।
विश्व के अग्रणी बैंक HSBC के CEO नोएल क्विन ने भी CNBC को दिए एक साक्षात्कार में यही बात कही थी कि भारत अब पूरी तरह से विश्व में आपूर्ति के मामले में अग्रणी बनने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में महंगाई का उतना असर नहीं है जितना पूरे विश्व में है।
क्विन ने भारत के अंदर बढ़ते स्टार्टअप, यूनिकॉर्न और विदेशी निवेश की तारीफ की। क्विन ने सरकार की आर्थिक नीतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि GST और आर्थिक सुधारों ने भारत में व्यापार करना और सरल बना दिया है।
विश्व मान रहा भारत की ताकत
आर्थिक ताकत बढ़ने के साथ ही भारत की कूटनीतियों की धाक भी विश्व में बढ़ रही है, इसका नजारा हाल ही में संपन्न हुई संयुक्त राष्ट्र की महासभा बैठक में हुआ जहाँ कई देशों ने भारत की वैक्सीन मैत्री और लगातार लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने की तारीफ की।
इसी बैठक में संबोधन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री को विश्व शांति के लिए बनने वाली कमिटी का सदस्य बनाए जाने की बात हुई, मेक्सिको के विदेश मंत्री ने अपने राष्ट्रपति की तरफ से यह प्रस्ताव रखा। वहीं, अमेरिका ने भी रूस-यूक्रेन संघर्ष के मुद्दे पर भारत के रवैये को समझा है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शंघाई सहयोग संगठन में रूस के राष्ट्रपति पुतिन के सामने दिए गए उस बयान की प्रशंसा की जिसमें मोदी ने पुतिन से कहा था कि आज का समय युद्ध का नहीं है।