भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़त दुनिया के बिगड़ी आर्थिकी के बीच भी जारी है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में देश की अर्थव्यवस्था लगातार तरक्की की ओर है। 30 नवम्बर को आए राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन के आँकड़े इस बात की ओर संकेत कर रहे हैं। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के आँकड़े बुधवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने जारी किए।
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के आँकड़ों के अनुसार दूसरी तिमाही (जुलाई-सितम्बर) में देश की अर्थव्यवस्था (GDP) की बढ़ने की रफ़्तार 6.3% रही है। चालू वित्त वर्ष में इससे पहले वाली तिमाही (अप्रैल-जून) में यह वृद्धि दर 13.5% थी। GDP में बढ़त इस बात का संकेत है कि बाकी वैश्विक अर्थव्यवस्था के बिगड़े हालातों, ऊर्जा समस्या और आपूर्ति चेन की समस्या का प्रभाव भारत पर उतना नहीं पड़ा है।
पहले कोरोना और अब यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से मंदी और महंगाई की एक तरफा मार झेल रहे विश्व की अधिकतर अर्थव्यवस्थाएँ फिलहाल स्वयं को स्थिर रखने का प्रयास कर रही हैं। इसके उलट भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है।
इस तिमाही के आँकड़े को यदि पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की इसी तिमाही से तुलना करके देखें तो अधिक फर्क नहीं पड़ा है। पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि में GDP की वृद्धि दर 8.4% रही थी।
अन्य आँकड़ों की बात करें तो इस तिमाही में भारत का निर्यात भी पिछली तिमाही से अधिक रहा। पिछली तिमाही में देश का निर्यात 8,45,323 करोड़ रुपए का रहा था, जो इस तिमाही में बढ़कर 8,87,678 करोड़ हो गया। इस बीच देश में निजी खर्च में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई जबकि सरकारी खर्च में कमी आई।
अर्थव्यवस्था के आकार की बात करें तो चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितम्बर 2022) में अर्थव्यवस्था (GDP) का आकार 38.17 लाख करोड़ रहा, जोकि पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2022) के दौरान 36.85 लाख करोड़ था। वहीं, यदि पिछले वित्त वर्ष की बात करें तो इसी तिमाही (जुलाई-सितम्बर 2021) में अर्थव्यवस्था का आकार 35.89 लाख करोड़ था।
इस प्रकार, अर्थव्यवस्था के आकार में काफी वृद्धि दर्ज की गई है। भारत की अर्थव्यवस्था की इस तेजी के पीछे महंगाई पर नियंत्रण, त्योहारों के सीजन में हुई बम्पर खरीदारी और बाहरी निवेशकों का अर्थव्यवस्था में विश्वास बना रहना आदि कारण हैं।
इन आँकड़ों से पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में क्या रुझान रहा। आँकड़ों के अनुसार, पहली छमाही में देश की अर्थव्यवस्था (GDP) की वृद्धि दर 9.7% रही। अगर सभी अनुमानों की बात की जाए तो यह उनसे काफी ऊपर रही है।
विश्व बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक और अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष समेत कई संस्थानों ने भारत की अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 6% से 7.5% तक बढ़ने के अनुमान लगाए हैं। जबकि, इन आँकड़ों से साफ़ जाहिर हो रहा है कि आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था इन सभी अनुमानों से ज्यादा गति से भी बढ़ सकती है।
इसी के साथ देश के आठ कोर सेक्टर का आँकड़ा भी अक्टूबर माह के लिए सरकार ने जारी किया। आठ कोर उद्योग जिसमें, बिजली, कोयला, स्टील, सीमेंट, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम उत्पाद, कच्चा तेल और उर्वरक शामिल हैं, ने भी अक्टूबर माह के दौरान स्थिरता दिखाई।
इन आठ सेक्टर की मिश्रित वृद्धि 0.1% रही, जिसमें कोयला, उर्वरक और स्टील जैसे उत्पादों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं सीमेंट प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल में मामूली गिरावट दर्ज की गई। अगर इन आँकड़ो को छमाही आधार पर देखें तो चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-अक्टूबर) में इन आठ सेक्टर की वृद्धि दर 8.2% रही।