अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के डिवीजन प्रमुख डेनियल लेघ ने मंगलवार (11 अप्रैल, 2023) को भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास जताते हुए इसे मजबूत अर्थव्यवस्था बताया। उन्होंने कहा कि भारत इस समय उच्च विकास दर के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था के सबसे ‘ब्राइट स्पॉट’ में से एक है।
डेनियल लेघ ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में भारत एक उदाहरण रहा है जिसकी विकास दर वित्त वर्ष, 2022-23 के लिए 6.8 प्रतिशत पर रही है। लेघ का कहना है कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का ‘ब्राइट स्पॉट’ है।
उल्लेखनीय है कि IMF द्वारा मंगलवार (11-04-2023) को भारत के लिए वित्त वर्ष 2024 के विकास अनुमान को 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया गया है। हालांकि विश्व आर्थिक आउटलुक के आंकड़ों से पता चलता है कि इस गिरावट के उपरांत भी भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
IMF डिवीजन प्रमुख का कहना है कि वर्ष 2020-2021 वास्तव में उम्मीदों से बेहतर रहा है। नए वित्त वर्ष में पकड़ बनाने के लिए हमें अधिक प्रयास करने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही संस्था द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार उपभोक्ताओं की मनमानी मांग इसलिए भी कम होने वाली है क्योंकि वे पहले से ही अधिक आवश्यक सुधार कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष भले ही विकास दर में कमी की गई है पर अगले वर्ष भारत फिर से 6.3 प्रतिशत के आंकडे को प्राप्त कर लेगा। यह एक बहुत मजबूत अर्थव्यवस्था होगी जो भारत को उच्च जीवन स्तर की ओर आगे बढ़ने और आवश्यक रोजगार पैदा करने में सक्षम होगी।
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IMF ने भारत की मुद्रास्फीति को चालू वित्त वर्ष में 4.9 प्रतिशत तक और अगले वित्त वर्ष में 4.4 प्रतिशत की गति के साथ बढ़ने का अनुमान लगाया है।
आईएमएफ द्वारा विकास की दर में वृद्धि का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुमान से कम है। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 7 प्रतिशत जीडीपी की वृद्धि और 1 अप्रैल से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत का अनुमान लगाया था।
इसके इतर अंतरराष्ट्रीय ऋणदाता संगठन ने बढ़ती ब्याज दरों से वित्तीय क्षेत्र के लिए मुद्रास्फीति, ऋण और जोखिमों के बारे में चिंता व्यक्त की थी। साथ ही चेतावनी जारी की कि बैंक ऋण देने में और कटौती करते हैं तो वर्ष 2023 के वैश्विक उत्पादन में 0.3 प्रतिशत की और कमी आएगी।
रिपोर्ट के अनुसार कम खाद्य और ऊर्जा की कीमतों और बेहतर आपूर्ति-श्रृंखला के कामकाज को मिले प्रोत्साहन के बाद भी हाल के वित्तीय क्षेत्र की उथल-पुथल से बढ़ी अनिश्चितता के साथ जोखिम नीचे की ओर बना हुआ है।
आईएमएफ ने वर्ष 2023 में विकास दर को 2.8 प्रतिशत के निचले स्तर तक पहुँचने का अनुमान लगाया है जो कि शेष 2024 में 3 प्रतिशत तक पहुँच जाएगा। वहीं अगले वर्ष की गिरावट के पूर्व शेष वर्ष के लिए मुद्रास्फीति 7 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद जताई गई है।
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अपनी रिपोर्ट में आईएमएफ ने चीन की विकास दर वर्ष 2023 में 5.2 प्रतिशत और 2024 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। चीन की वर्ष 2022 में विकास दर 3 प्रतिशत रही थी। इसके साथ ही वर्ष, 2023 में अमेरिका की विकास दर 1.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है, फ्रांस की 0.7 प्रतिशत, जर्मनी एवं ब्रिटेन क्रमशः -0.1 एवं -0.7 प्रतिशत के साथ निराशाजनक प्रदर्शन करेंगी। हालाँकि, COVID महामारी के बावजूद रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भी 2023 में अधिकतर देश वैश्विक मंदी से बचे रहेंगे।