भारत की अर्थव्यवस्था उल्लेखनीय वृद्धि के लिए तैयार है। अनुमानों से संकेत मिलता है कि वित्त वर्ष 2030-31 तक भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। S&P ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का जीडीपी वित्त वर्ष 2023-24 में 3.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से लगभग दोगुना होकर 2030-31 तक 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो जाएगा। इस विस्तार से वैश्विक जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 3.6% से बढ़कर 4.5% होने और इसकी प्रति व्यक्ति आय उच्च-मध्यम-आय श्रेणी में पहुंचने का अनुमान है।
रिपोर्ट में भारत के प्रभावशाली आर्थिक प्रदर्शन पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें अनुसार वित्त वर्ष 2024 में 8.2% जीडीपी वृद्धि दर्ज की गई है। यह आँकड़ा सरकार के पहले के 7.3% के अनुमान से काफी अधिक है। भविष्य को देखते हुए, S&P ग्लोबल ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर के 6.8% रहने का अनुमान लगाया है, जो 2023-24 में दर्ज की गई दर से थोड़ी कम है। यह वृद्धि भारत को वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करता है।
रिपोर्ट के अनुसार इस वृद्धि को बनाए रखने के लिए आवश्यक संरचनात्मक सुधार लगातार हो रहे हैं। इसके कारण व्यावसायिक लेन-देन बढ़ने के अलावा लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में आवश्यक सुधार दर्ज हो रहे हैं। इन पहलों से निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में सरकारी पूंजीगत व्यय पर निर्भरता कम होगी। रिपोर्ट इस गति को बनाए रखने और अधिक गतिशील कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने के लिए निरंतर सुधारों के महत्व पर जोर देती है।
भारत के वित्तीय बाजारों के मजबूत विकास संभावनाओं और बेहतर विनियमन से प्रेरित होकर जीवंत और प्रतिस्पर्धी बने रहने की उम्मीद है। प्रमुख उभरते बाजार सूचकांकों में देश के हाल ही में शामिल होने से भारतीय सरकारी बॉन्ड में विदेशी निवेश में वृद्धि हुई है, जिससे इस क्षेत्र में लिक्विडिटी बनी हुई है।
हालांकि, रिपोर्ट में संभावित चुनौतियों की भी पहचान की गई है। जलवायु परिवर्तन से बढ़ी उच्च खाद्य मूल्य वाली मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति को बाधित कर सकती है जिसके कारण निवेश की लागत बढ़ सकती है। इस समस्या के समाधान के लिए, S&P ग्लोबल ने क्लाइमेट रिस्क पर नियंत्रण के लिए अनुकूलन और शमन नीतियों को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया है। इसके साथ ही कृषि संबंधी कमज़ोरियों को कम करने के लिए बुनियादी ढाँचे में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया गया है।
वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत सकारात्मक रही है, जिसमें अप्रैल में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह के 2.1 ट्रिलियन भारतीय रुपये के सर्वकालिक मासिक उच्च स्तर पर पहुँचने की बात कही गई है। GST का आँकड़ा चालू वित्त वर्ष में अभी तक प्रभावशाली रहा है। इस मज़बूत प्रदर्शन का श्रेय मज़बूत आर्थिक विकास और बेहतर अनुपालन को जाता है।
भारत के विनिर्माण और सेवा क्षेत्र प्रभावशाली तरीक़े से मजबूती दिखा रहे हैं। जैसा कि एचएबीसी इंडिया परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) से पता चलता है। भारत कम्पोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स लगभग 14 वर्षों में अपने उच्चतम स्तरों में से एक पर पहुँच गया है, जो अनुकूल आर्थिक स्थितियों, मज़बूत माँग और उत्पादकता में वृद्धि का संकेत देता है। उल्लेखनीय रूप से, भारत ने पिछले एक साल में निजी क्षेत्र के पीएमआई आउटपुट विस्तार में लगातार वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं का नेतृत्व किया है।
रिपोर्ट में व्यापार लाभों को अधिकतम करने के लिए बुनियादी ढाँचे और भू-राजनीतिक रणनीतियों को विकसित करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया है, विशेष रूप से यह देखते हुए कि भारत का 90% व्यापार समुद्री मार्ग से होता है। रिपोर्ट के अनुसार बढ़ते निर्यात और थोक वस्तु आयात को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने की आवश्यकता है और इस पर बड़े स्तर पर काम हो रहा है।
हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक की हाल की ब्याज दरों में बढ़ोतरी और असुरक्षित ऋण पर अंकुश लगाने के लिए नियामक कार्रवाई वित्त वर्ष 2024-25 में मांग को थोड़ा कम कर सकती है। इसके कारण सरकार के राजकोषीय समेकन प्रयासों से विकास के लिए राजकोषीय धक्का कम हो सकता है। S&P ग्लोबल के अनुसार अनुमानित 6.8% विकास दर के साथ भी, भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
भारत का आर्थिक दृष्टिकोण मजबूत दिखाई दे रहा है, जिसमें संरचनात्मक सुधारों, मजबूत घरेलू मांग और निर्यात अवसरों के विस्तार से महत्वपूर्ण विकास क्षमता है। हालांकि, मुद्रास्फीति और जलवायु जोखिम जैसी चुनौतियों का समाधान करना दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित करने और वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।