भारत ने यूनाइटेड किंगडम से कहा है कि वह अपने यहाँ बढ़ रही खालिस्तानियों की गतिविधियों पर नजर रखे और साथ ही कड़े एक्शन ले। भारत ने लंदन स्थित भारतीय दूतावास पर हालिया दिनों में हुए हमले को लेकर भी अपनी चिंताएं यूनाइटेड किंगडम के साथ साझा की हैं।
भारत ने यूनाइटेड किंगडम के साथ अपनी यह चिंताएं नई दिल्ली में दोनों देशों के बीच होने वाली गृह मामलों की बातचीत में साझा की। भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच गृह मामलों से संबंधित बातचीत का आयोजन नई दिल्ली में 12 अप्रैल को किया गया था।
भारत की तरफ से इसमें गृह सचिव अजय भल्ला और यूनाइटेड किंगडम की तरफ से इसमें उनके समकक्ष सर मैथ्यू रॉयक्राफ्ट ने हिस्सा लिया। इस मीटिंग में अन्य कई उच्च स्तरीय अधिकारी भी मौजूद थे। दोनों देशों के बीच कई आंतरिक सुरक्षा के मामलों पर बात हुई।
भारत ने यूनाइटेड किंगडम में खालिस्तानियों द्वारा शरणार्थी का दर्जा लेकर भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने पर चिंता जाहिर की है और यूनाइटेड किंगडम से यह अपील की है कि वह ऐसे तत्वों पर लगातार नजर बनाए रखे और समय-समय पर अनुकूल एक्शन लेता रहे।
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गौरतलब है कि हाल ही में यूनाइटेड किंगडम के एक प्रमुख अखबार द टाइम्स ने भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच चल रही मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत रुकने की भी रिपोर्ट दी थी।
द टाइम्स ने कहा था कि भारत, यूनाइटेड किंगडम से सार्वजनिक रूप से खालिस्तानियों की निंदा और उन पर कड़े एक्शन चाहता है।
हालांकि, बाद में इस रिपोर्ट को विदेश मंत्रालय के सूत्रों के आधार पर गलत बताया गया था लेकिन भारत सरकार की तरफ से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
भारत लगातार यूनाइटेड किंगडम में भारत की संप्रुभता के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों को लेकर मुखर रहा है, भारत ने पिछले महीने लंदन में भारतीय दूतावास पर हुए हमले के बाद नई दिली स्थित ब्रिटिश हाई कमीशन के बाहर से सुरक्षा घटा दी थी।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस मामले पर कहा था कि यह उस देश का कर्तव्य है कि अपने यहाँ स्थित दूतावासों की सुरक्षा करे।
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भारतीय दूतावास पर हमले और उसके बाद भारत के कड़े एक्शन के कारण यूनाइटेड किंगडम में दूतावास की सुरक्षा में इजाफा किया गया था। इसको लेकर यूनाइटेड किंगडम ने घटनाओं की निंदा भी की थी।
भारत ने यूनाइटेड किंगडम समेत तमाम देशों में खालिस्तानियों द्वारा लगातार भारत के खिलाफ चलाए जा रहे दुष्प्रचार पर कड़ा रुख अपनाया हुआ है। भारत ने इस मामले को इन देशों के साथ राजनयिक स्तर पर भी उठाया है।